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गुजरात यूनिवर्सिटी नर्सिंग कांड: ऑस्ट्रेलिया में बैठी आरोपी छात्रा को हाई कोर्ट का अल्टीमेटम

| Updated: December 24, 2025 16:17

गुजरात यूनिवर्सिटी नर्सिंग कांड: ऑस्ट्रेलिया में बैठी छात्रा को HC का अल्टीमेटम, 6 जनवरी तक भारत लौटना अनिवार्य

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने 2023 के बहुचर्चित गुजरात यूनिवर्सिटी (GU) नर्सिंग उत्तर पुस्तिका गायब होने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले की एक आरोपी, जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रह रही है, को निर्देश दिया है कि वह 6 जनवरी, 2026 तक भारत वापस लौट आए। अदालत ने स्पष्ट किया है कि आरोपी को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होना होगा, जिसने आरोप तय (charges frame) करने के लिए समन और वारंट जारी किए हैं।

मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एन.एस. कारियल ने एक मौखिक आदेश में कहा कि आरोपी को दी गई अग्रिम जमानत 7 जनवरी तक जारी रहेगी, लेकिन उससे पहले उसे सरेंडर करना होगा।

न्यायपालिका को हल्के में नहीं ले सकते: हाई कोर्ट

यह मामला बीनल पटेल नामक छात्रा से जुड़ा है, जो जुलाई 2023 में बीएससी नर्सिंग परीक्षा की लगभग 28 उत्तर पुस्तिकाओं के ‘गायब’ होने के मामले में आरोपी है। अहमदाबाद सत्र न्यायालय (Sessions Court) ने आरोप तय करने की प्रक्रिया के लिए उन्हें तलब किया था।

बीनल पटेल ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें भारत आने के लिए फरवरी या मार्च तक का समय दिया जाए। हालांकि, सोमवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी “न्यायपालिका को हल्के में नहीं ले सकती” और उनके वकील को निर्देश दिया कि वे मंगलवार तक उनके भारत आगमन की एक निश्चित तारीख बताएं।

अदालत का आदेश और समय सीमा

मंगलवार को, आरोपी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि वह 6 जनवरी, 2026 को ऑस्ट्रेलिया से वापस आ जाएंगी। इस दलील को रिकॉर्ड पर लेते हुए, हाई कोर्ट ने अपने मौखिक आदेश में कहा: “29 अप्रैल, 2024 के अग्रिम जमानत आदेश और 19 जून, 2024 को विद्वान सत्र न्यायालय द्वारा दी गई छूट 7 जनवरी, 2026 तक जारी रहेगी। यदि वर्तमान आवेदक 6 जनवरी, 2025 (आदेश के अनुसार) या उससे पहले भारत वापस नहीं आती हैं, तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू की जाएगी।”

महंगे हवाई टिकट और यात्रा का दिया गया था हवाला

अपनी याचिका में, पटेल ने अदालत को बताया कि वह “ऑस्ट्रेलिया में बस गई हैं” और उन्हें यात्रा की व्यवस्था करने के लिए समय चाहिए। आरोपी के वकील, निसार वैद्य ने बताया कि उन्होंने याचिका में मांग की थी कि आरोप तय करने के लिए उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए या उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाए।

वकील ने कहा, “सत्र न्यायालय से समन लगभग दो महीने पहले प्राप्त हुए थे और उसके बाद वारंट भी जारी किया गया। हमने अदालत से फरवरी तक का समय मांगा था क्योंकि इस समय हवाई किराया (airfares) बहुत महंगा है और यात्रा करना मुश्किल है। चूंकि अदालत ने मूल याचिका खारिज कर दी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर आने का निर्देश दिया, इसलिए हमने आश्वासन दिया है कि वह 6 जनवरी तक भारत में होंगी।”

क्या था पूरा मामला?

अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घोटाला 10 जुलाई, 2023 को हुई परीक्षा के बाद सामने आया था। आरोप है कि बीएससी नर्सिंग और फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम की कई उत्तर पुस्तिकाएं लॉकर रूम से निकाल ली गई थीं। इसका उद्देश्य कुछ छात्रों को 50,000 रुपये प्रति छात्र की रिश्वत लेकर “खाली उत्तर भरने” की सुविधा देना था।

यह मामला तब प्रकाश में आया जब छात्र संगठनों ने इसका खुलासा किया और कुछ दिनों बाद उत्तर पुस्तिकाएं कैंपस में ही पड़ी मिलीं। इसके बाद गुजरात यूनिवर्सिटी ने 12 जुलाई, 2023 को शिकायत दर्ज कराई।

अन्य आरोपी और जांच की स्थिति

जांच के बाद, अगस्त 2023 में दो पूर्व छात्र नेताओं, सनी चौधरी और अमित सिंह, के साथ-साथ एक चपरासी संजय डामोर को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था।

वकील निसार वैद्य ने बताया कि बीनल पटेल को मामले में कोई विशिष्ट भूमिका नहीं सौंपी गई है। एफआईआर दर्ज होने के समय से ही उन्हें गुजरात यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन से अग्रिम जमानत मिली हुई है और उन्हें कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। वकील ने कहा कि पुलिस द्वारा लगाई गई धाराएं ऐसी हैं कि मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय द्वारा की जा सकती है। चार्जशीट दाखिल होने के दो साल बाद अब आरोप तय किए जा रहे हैं, जिसके कारण प्रक्रिया में समय लगा।

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