लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में चौथी बार ब्रिटेन पहुंचे हैं। इस दौरे के दौरान वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों में नई गति आने की उम्मीद है।
करीब तीन साल चली बातचीत के बाद यह समझौता आज लंदन में हस्ताक्षरित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के साथ वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहेंगे। यह समझौता ब्रिटेन के लिए ब्रेग्ज़िट के बाद का सबसे बड़ा व्यापार समझौता बताया जा रहा है।
भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की 10 प्रमुख बातें:
- भारतीय उत्पादों को ड्यूटी-फ्री पहुंच: भारत के 99% उत्पादों को यूके के बाजार में बिना किसी आयात शुल्क के पहुंच मिलेगी, जो वर्तमान व्यापार मूल्य का लगभग संपूर्ण हिस्सा है।
- श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लाभ: चमड़ा, जूते और वस्त्र जैसे श्रम-प्रधान भारतीय उत्पादों पर टैक्स हटाया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।
- ब्रिटिश वस्तुएं होंगी सस्ती: भारत में ब्रिटिश व्हिस्की और कारों का आयात सस्ता होगा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
- व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य: समझौते के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
- ब्रिटिश संसद की मंज़ूरी बाकी: भारतीय कैबिनेट पहले ही समझौते को स्वीकृति दे चुकी है, अब इसे ब्रिटिश संसद की मंजूरी की जरूरत होगी।
- निवेश और रोजगार: ब्रिटेन भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक है, जिसकी कुल निवेश राशि लगभग 36 अरब डॉलर है। ब्रिटेन में करीब 1,000 भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं, जो 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं।
- भारतीय कामगारों को सोशल सिक्योरिटी छूट: एक नया ‘डबल कॉन्ट्रीब्यूशन कन्वेंशन’ समझौता भी हुआ है, जिसके तहत यूके में भारतीय कर्मचारियों को सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी।
- भारतीय निर्यात में वृद्धि: वर्ष 2024–25 में भारत का यूके को निर्यात 12.6% बढ़कर 14.5 अरब डॉलर रहा, जबकि यूके से आयात 2.3% बढ़कर 8.6 अरब डॉलर हुआ।
- द्विपक्षीय व्यापार में स्थिर वृद्धि: वर्ष 2023–24 में भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापार 21.34 अरब डॉलर रहा, जो 2022–23 में 20.36 अरब डॉलर था।
- व्यापार के अलावा अन्य क्षेत्रों में सहयोग: स्वास्थ्य, ऊर्जा, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय चर्चा होगी।
अगला पड़ाव: मालदीव
लंदन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी मालदीव जाएंगे, जहां उन्हें राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आमंत्रित किया है। यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच हालिया तनावपूर्ण संबंधों के बाद रिश्तों में एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
यह भी पढ़ें- एयर इंडिया हादसा: ब्रिटेन में कुछ परिवारों को भेजी गई गलत शवपेटियां, पीएम कीर स्टारमर उठाएंगे मामला









