अहमदाबाद – राज्यसभा सांसद और विख्यात शेर-प्रेमी परिमल नथवानी ने गिर के प्रसिद्ध शेरों जय और वीरू की याद में एक विशेष लोक-गीत “जय-वीरू नी जोड़ी” और डॉक्युमेंट्री “जय-वीरू नी अमर गाथा” का लोकार्पण किया। हाल ही में इन दोनों शेरों का निधन हुआ था, और यह प्रस्तुति उनके अद्वितीय बंधन और विरासत को सम्मान देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
यह गीत पारंपरिक संगीत और लोक वाद्यों की पृष्ठभूमि में तैयार किया गया है, जो इन शेरों की दोस्ती, ताकत और एकता का जीवंत चित्रण करता है। प्रसिद्ध गायक आदित्य गढ़वी ने इस गीत और डॉक्युमेंट्री को अपनी आवाज़ दी है। इसके बोल लिखे हैं प्रसिद्ध गुजराती गीतकार पार्थ तारपरा ने, जबकि संगीत दिया है भार्गव और केदार की प्रतिभाशाली जोड़ी ने। यह वही टीम है जिसने 10 अगस्त 2024 को वर्ल्ड लायन डे पर चर्चित गीत “गिर गजवती आवी सिहण” प्रस्तुत किया था।

नथवानी ने कहा,
“जय और वीरू केवल शेर नहीं थे — वे मित्रता, वफादारी और एकता के प्रतीक बन चुके हैं। यह गीत और डॉक्युमेंट्री मेरे और असंख्य शेर-प्रेमियों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। मैं चाहता हूँ कि उनकी स्मृति हमेशा जीवित रहे।”
डॉक्युमेंट्री “जय-वीरू नी अमर गाथा” गिर के जंगलों की सुंदरता और इन दो शेरों की उपस्थिति से जुड़ी प्रेरणादायक कहानी को प्रस्तुत करती है। साथ ही, इस वर्ष 10 अगस्त को वर्ल्ड लायन डे के अवसर पर नथवानी ने जय-वीरू की याद में विशेष स्मृति टी-शर्ट भी डिज़ाइन की हैं, जो सासण गिर स्थित स्मृति वस्तुओं की दुकान पर उपलब्ध होंगी।
शेरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध नथवानी अपने वार्षिक शेर-थीम वाले कैलेंडरों और सोशल मीडिया अभियानों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि “जय-वीरू नी जोड़ी” गीत सभी प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध रहेगा।
नथवानी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जय और वीरू के नामकरण की प्रक्रिया में भाग लिया था, जिससे यह श्रद्धांजलि उनके लिए और भी व्यक्तिगत और भावुक बन जाती है।
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