नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कुछ ऐसे अनोखे और दुर्लभ क्षेत्र हैं, जहाँ के निवासी आम तौर पर लंबा और असाधारण रूप से स्वस्थ जीवन जीते हैं। इन स्थानों को “ब्लू ज़ोन” (Blue Zones) के नाम से जाना जाता है। इनमें जापान का ओकिनावा, इटली का सार्डिनिया, ग्रीस का इकारिया, कोस्टा रिका का निकोया और कैलिफोर्निया का लोमा लिंडा शामिल है।
दिलचस्प बात यह है कि इन अलग-थलग समुदायों को जो चीज़ आपस में जोड़ती है, वह उनकी आनुवंशिकी (genetics) या उनका धन नहीं है, बल्कि उनकी जीवनशैली और विशेष रूप से उनका भोजन है। ‘ब्लू ज़ोन’ की खोज करने वाले नेशनल ज्योग्राफिक के खोजकर्ता और दीर्घायु (longevity) शोधकर्ता डैन ब्यूटनर (Dan Buettner) ने उस एक ‘सुपरफूड’ के बारे में बताया है जो लंबी उम्र से जुड़ा है। यह भोजन बहुत ही सरल, सस्ता और साधारण है।
क्या है लंबी उम्र का यह रहस्य?
ब्यूटनर बीन्स (Beans) यानी फलियों को “हर ब्लू ज़ोन डाइट का आधारशिला” कहते हैं। भले ही वह कोस्टा रिका में खाई जाने वाली काली बीन्स (black beans) हों, इकारिया की दाल (lentils) हों, या सार्डिनिया में खाई जाने वाली फावा बीन्स (fava beans) हों, हर क्षेत्र में इसका अपना एक संस्करण मौजूद है।
डैन के अनुसार, रोजाना सिर्फ एक कप पकी हुई बीन्स खाने का संबंध जीवन प्रत्याशा (life expectancy) में चार साल तक की वृद्धि से जुड़ा हुआ है। यह कोई मिथक या मार्केटिंग की बात नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में देखे गए वास्तविक पैटर्न पर आधारित एक ठोस तथ्य है।
बीन्स शरीर के लिए क्यों हैं इतनी फायदेमंद?
बीन्स यानी फलियां कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और उच्च गुणवत्ता वाले प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का खजाना हैं।
- ऊर्जा और ब्लड शुगर: इनमें मौजूद धीमी गति से पचने वाले कार्ब्स रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को स्थिर रखते हैं, जिससे शरीर को दिन भर निरंतर ऊर्जा मिलती रहती है।
- पाचन और सूजन: बीन्स में मौजूद फाइबर आंत में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है। इससे पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और शरीर में सूजन (inflammation) कम होती है। ये दोनों प्रक्रियाएं सीधे तौर पर उम्र बढ़ने की गति को धीमा करने से जुड़ी हैं।
- पोषक तत्व: प्रोसेस्ड फूड या भारी मांसाहारी भोजन के विपरीत, बीन्स पोषक तत्वों को धीरे-धीरे रिलीज करती हैं। इससे शरीर संतुलित और पोषित रहता है। इनमें फोलेट, मैग्नीशियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं, जो दिल और दिमाग के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
प्रोटीन का स्रोत जो शरीर पर बोझ नहीं डालता
कई पश्चिमी आहारों में, प्रोटीन का मुख्य स्रोत अक्सर पशु-आधारित होता है, जैसे रेड मीट, जिसमें सैचुरेटेड फैट (संतृप्त वसा) की मात्रा बहुत अधिक होती है। ब्यूटनर का शोध इस पैटर्न को चुनौती देता है।
वह इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि ‘ब्लू ज़ोन’ की आबादी अपने प्रोटीन का अधिकांश हिस्सा पौधों, विशेषकर बीन्स से प्राप्त करती है। प्लांट-बेस्ड प्रोटीन किडनी और हृदय के लिए बहुत हल्के होते हैं। इनसे शरीर में सूजन का वैसा खतरा नहीं होता, जैसा कि रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट के सेवन से जुड़ा होता है। दशकों तक खान-पान में किया गया यह छोटा सा बदलाव, बिना किसी महंगे सप्लीमेंट या सख्त डाइट के, लंबी उम्र को बढ़ावा देता है।
सिर्फ पोषण नहीं, सामाजिक जुड़ाव भी है अहम
बीन्स का महत्व सिर्फ उनके पोषण तक सीमित नहीं है। ‘ब्लू ज़ोन’ समुदायों में, भोजन को साझा किया जाता है, धीरे-धीरे और पूरे आनंद के साथ खाया जाता है। यह एक सार्थक सामाजिक गतिविधि है।
वहाँ बीन्स पकाने की प्रक्रिया में अक्सर परिवार, पड़ोसी या दोस्त शामिल होते हैं। खाने का यह सामाजिक पहलू, एक-दूसरे से जुड़ने के लिए समय निकालना, तनाव को काफी हद तक कम करता है और भावनात्मक भलाई को बढ़ावा देता है। जैसा कि ब्यूटनर अक्सर कहते हैं, “दीर्घायु जितना भोजन से जुड़ी है, उतनी ही गहरे सामाजिक जुड़ाव से भी जुड़ी है।”
‘सुपरफूड’ नहीं, सादगी है कुंजी
आधुनिक आहार अक्सर नए-नए “सुपरफूड” (जैसे विदेशी पाउडर या महंगे सप्लीमेंट) का पीछा करते रहते हैं। लेकिन ब्यूटनर के निष्कर्ष हमें सादगी की ओर वापस ले जाते हैं। दुनिया के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले लोग इन महंगी चीजों पर निर्भर नहीं हैं।
वे सरल, घर पर पके, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर भरोसा करते हैं जो सदियों से उनकी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। बीन्स इसी संतुलन का सटीक प्रतिनिधित्व करती हैं – वे सस्ती हैं, आसानी से उपलब्ध हैं और स्वास्थ्य के लिए अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद हैं।
कैसे अपनाएं यह सीख?
‘ब्लू ज़ोन’ की इस बुद्धिमत्ता को अपने दैनिक जीवन में अपनाना मुश्किल नहीं है। अपने नियमित भोजन में बीन्स को शामिल करने के लिए बड़े बदलावों की ज़रूरत नहीं है। इन्हें सूप, स्टू (सब्जियों), या सलाद में आसानी से शामिल किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण है ‘निरंतरता’ – यानी साबुत और पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों को अपने आहार का एक केंद्रीय हिस्सा बनाना। यही वह सरल रहस्य है जो हर ‘ब्लू ज़ोन’ में साझा किया जाता है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की आहार संबंधी ज़रूरतें भिन्न होती हैं। अपने आहार या जीवनशैली में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले, कृपया हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।
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