गुजरात/नाडियाड: अक्सर माना जाता है कि साइबर क्राइम करने वाले लोग तकनीकी रूप से बहुत माहिर होते हैं, लेकिन नाडियाड (पश्चिम) पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है जो महज 11वीं कक्षा तक पढ़ा है। इस शख्स ने अपनी चालाकी से नाडियाड के प्रतिष्ठित संतराम स्कूल के 100 से ज्यादा अभिभावकों और स्टाफ को लाखों का चूना लगा दिया।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान 28 वर्षीय प्रीतेश प्रजापति के रूप में हुई है, जो वडोदरा का रहने वाला है और पेशे से टेक्सटाइल (कपड़ा) व्यापारी है। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि आरोपी ने स्कूल से जुड़े लोगों के भरोसे का फायदा उठाया और उन्हें ‘स्कूल के काम’ या ‘आर्थिक इमरजेंसी’ का झांसा देकर ठगी को अंजाम दिया।
क्या है पूरा मामला?
इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब 16 दिसंबर को संतराम स्कूल के कई अभिभावकों और स्टाफ ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके फोन नंबरों के साथ छेड़छाड़ की गई है और उनके खातों से पैसे निकाल लिए गए हैं। पीड़ितों को ऐसे नंबरों से कॉल और मैसेज आए जो उनके जान-पहचान वालों के लग रहे थे, जिसके बाद उन्होंने भरोसा करके पैसे भेज दिए।
एक मामले में, एक अभिभावक को स्कूल स्टाफ बनकर कॉल किया गया और ओटीपी (OTP) मांग लिया गया, जिससे उन्हें 16,000 रुपये का नुकसान हुआ। वहीं, एक अन्य अभिभावक को व्हाट्सएप कॉल के जरिए मेडिकल इमरजेंसी का हवाला दिया गया, जिस पर उन्होंने मानवीय आधार पर तुरंत 15,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जुगाड़ तकनीक से करता था व्हाट्सएप हाईजैक
जांच अधिकारी के.एच. चौधरी ने बताया कि प्रीतेश कोई हाई-टेक हैकर नहीं है, बल्कि वह “जुगाड़ू” किस्म का अपराधी है। उसका तरीका बेहद शातिर था। वह सबसे पहले किसी व्हाट्सएप ग्रुप के एक सदस्य का नंबर हासिल करता था। इस मामले में उसने स्कूल के एक छात्र के माता-पिता को निशाना बनाया।
कॉलर आईडी ऐप के जरिए वह उस व्यक्ति की पहचान पक्की करता और फिर उसी नंबर से अपने फोन में व्हाट्सएप रजिस्टर करने की कोशिश करता। रजिस्ट्रेशन के दौरान वेरिफिकेशन के लिए जरूरी ओटीपी हासिल करने के लिए वह पीड़ित को कॉल करता और कहता कि यह कोड “स्कूल के किसी काम” या “रिपोर्ट कार्ड एक्सेस” करने के लिए जरूरी है।
जैसे ही उसे ओटीपी मिलता, वह उस व्यक्ति के व्हाट्सएप अकाउंट पर कब्जा कर लेता और स्कूल के ग्रुप्स में घुसपैठ कर लेता। इसके बाद वह ग्रुप के अन्य सदस्यों से अलग-अलग बहानों से पैसे मांगना शुरू कर देता।
जुए की लत और कर्ज ने धकेला अपराध की ओर
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि प्रीतेश पर ऑनलाइन जुए और बिजनेस में हुए घाटे के कारण भारी कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उसने यह रास्ता चुना। भले ही वह सिर्फ 11वीं पास है, लेकिन उसका आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। उस पर पहले से ही 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 10 मामले साइबर धोखाधड़ी के हैं।
उसने अहमदाबाद, साबरकांठा, राजकोट, मोरबी, अमरेली और जूनागढ़ में भी ऐसी वारदातों को अंजाम दिया है। उसे पहले भी असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम (PASA) के तहत हिरासत में लिया जा चुका है।
पुलिस की अपील: सतर्क रहें
पुलिस ने अपनी सूझबूझ और साइबर सर्विलांस की मदद से प्रीतेश को वडोदरा से ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या उसने इसी तरीके से अन्य स्कूलों को भी निशाना बनाया है।
इस घटना के बाद पुलिस ने आम नागरिकों और अभिभावकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा करके अपना ओटीपी (OTP) शेयर न करें और न ही बिना पुष्टि किए पैसे ट्रांसफर करें, भले ही कॉलर खुद को स्कूल या किसी परिचित से जुड़ा हुआ बताए।
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