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NMACC और कतर म्यूजियम्स के बीच समझौता: भारत और कतर में शिक्षा के नए अध्याय की होगी शुरुआत

| Updated: December 22, 2025 19:46

ईशा अंबानी और शेखा अल मयासा ने मिलाया हाथ, भारत के स्कूलों से लेकर आंगनबाड़ियों तक पहुंचेगा वर्ल्ड क्लास एजुकेशन; जानें इस 5 साल के ऐतिहासिक करार की बड़ी बातें

दोहा/मुंबई: कतर म्यूजियम्स (QM) और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) ने शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पांच-वर्षीय रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते पर कतर म्यूजियम्स की चेयरपर्सन हर एक्सेलेंसी शेखा अल मयासा बिंत हमद बिन खलीफा अल थानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज की ईशा अंबानी ने दोहा स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ कतर में आयोजित एक समारोह में हस्ताक्षर किए।

इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य भारत और कतर दोनों देशों में ‘म्यूजियम-इन-रेजीडेंस’ (Museum-in-Residence) शैक्षिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला स्थापित करना है। यह पहल बच्चों के लिए खेल-खेल में सीखने (playful learning) के अनुभवों को पेश करेगी और शिक्षकों को रचनात्मकता को प्रेरित करने के लिए नए उपकरण प्रदान करेगी।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शिक्षा पर जोर

समारोह के दौरान, हर एक्सेलेंसी शेखा अल मयासा ने कहा, “कतर म्यूजियम्स और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर का यह साझा विश्वास है कि रचनात्मकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान आत्मविश्वास से भरे और संवेदनशील युवा शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ईशा अंबानी के नेतृत्व में यह सहयोग भारत के साथ हमारे ‘इयर ऑफ कल्चर’ की विरासत को आगे बढ़ाएगा।”

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने इस साझेदारी पर खुशी जताते हुए कहा, “नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में, हम वैश्विक विचारों को भारत लाने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कतर म्यूजियम्स और NMACC दोनों का मानना है कि संस्कृति वह जगह है जहां कल्पना की शुरुआत होती है, और शिक्षा वह जगह है जहां क्षमता वास्तविकता बनती है। इस साझेदारी के माध्यम से, हमारा लक्ष्य सीखने के ऐसे नए रूपों को जगाना है जो हर बच्चे को बड़े सपने देखने और आत्मविश्वास से सीखने के लिए सशक्त बनाएं।”

स्कूलों और आंगनबाड़ियों तक पहुंचेगा कार्यक्रम

भारत में, NMACC रिलायंस फाउंडेशन (RF) के साथ साझेदारी करके इन कार्यक्रमों को कई क्षेत्रों में लागू करेगा। इसमें ‘दादू, चिल्ड्रन्स म्यूजियम ऑफ कतर’ (Dadu, Children’s Museum of Qatar) के विशेषज्ञ मास्टरक्लास और मेंटरिंग प्रदान करेंगे। यह कार्यक्रम भारत भर के स्कूलों, आंगनबाड़ियों और सामुदायिक केंद्रों में लागू किए जाएंगे, जिसमें ग्रामीण और वंचित क्षेत्र भी शामिल हैं।

दादू, चिल्ड्रन्स म्यूजियम ऑफ कतर की कार्यवाहक निदेशक सुश्री महा अल हाजरी ने कहा, “हमें दादू के ‘म्यूजियम-इन-रेजीडेंस’ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में इस सहयोग को शुरू करने पर गर्व है, जो ‘लाइट एटेलियर’ (Light Atelier) को भारत में नए दर्शकों तक ले जाएगा। 3 से 7 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए विकसित लाइट एटेलियर, ऐसे वातावरण का निर्माण करता है जो खेल के माध्यम से सीखने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

यह साझेदारी कतर म्यूजियम्स के वैश्विक स्तर पर शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता और ‘कतर नेशनल विजन 2030’ के मिशन को दर्शाती है।

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