नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 7 अक्टूबर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और उन्हें उनके 73वें जन्मदिन के अवसर पर बधाई दी। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भी अहम चर्चा हुई।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संवाद के दौरान दोनों वैश्विक नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे में हुई प्रगति की समीक्षा की। साथ ही, उन्होंने भारत और रूस के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को और अधिक मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को यह भी बताया कि वह 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत में उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। उम्मीद है कि रूसी राष्ट्रपति इस वार्षिक शिखर वार्ता के लिए 5 दिसंबर के आसपास भारत का दौरा कर सकते हैं। इस दौरे से दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूती मिलने की पूरी संभावना है।
हालांकि, इस हाई-प्रोफाइल यात्रा की तैयारियां ज़ोरों पर हैं, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूसी राष्ट्रपति की यह यात्रा एक दिवसीय होगी या वह दो दिनों के लिए भारत में रुकेंगे।
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा से पहले, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अगले महीने भारत का दौरा करेंगे ताकि राष्ट्रपति की यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नई दिल्ली का दौरा किया था।
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, पुतिन की यात्रा से पहले दोनों पक्षों के बीच सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-M&MTC) के ढांचे के तहत भी एक बैठक होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि भारत और रूस के बीच एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत दोनों देशों के शीर्ष नेता हर साल एक शिखर बैठक करते हैं ताकि संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जा सके। अब तक कुल 22 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं, जो बारी-बारी से भारत और रूस में आयोजित किए गए हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए थे।
रूस भारत का एक समय की कसौटी पर परखा हुआ भागीदार रहा है और यह देश नई दिल्ली की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है।
यह भी पढ़ें-
रूसी सेना में लड़ रहा गुजरात का छात्र यूक्रेन में पकड़ा गया, सुनाई दर्दभरी कहानी











