अभिनेता आर माधवन अपने जबरदस्त वेट लॉस की वजह से इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने सिर्फ 21 दिनों में ही यह कमाल कर दिखाया। अपनी फिटनेस के लिए जाने जाने वाले माधवन ने कोई इंटेंस वर्कआउट नहीं किया, बल्कि उन्होंने इंटरमिटेंट फास्टिंग और खान-पान में कुछ खास बदलाव करके यह सफलता हासिल की।
अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर उन्होंने अपनी इस पूरी जर्नी को साझा किया। उन्होंने लिखा, “इंटरमिटेंट फास्टिंग, खाने को 45 से 60 बार चबाना (“अपने भोजन को पिएं और अपने पानी को चबाएं”)… शाम 6:45 बजे आखिरी भोजन (दोपहर 3 बजे के बाद कुछ भी कच्चा नहीं, सिर्फ पका हुआ खाना)… सुबह लंबी सैर और रात में गहरी नींद (सोने से 90 मिनट पहले कोई स्क्रीन टाइम नहीं)… खूब सारा पानी… ढेर सारी हरी सब्जियां और ऐसा भोजन जो शरीर द्वारा आसानी से पच जाए। कोई भी प्रोसेस्ड फूड नहीं।”
खाने को चबाने की ताकत
अभिनेता आर माधवन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके डाइट प्लान का एक अहम हिस्सा था खाने के हर टुकड़े को 45 से 60 बार चबाना। ऐसा करने से खाना ठीक से टूटता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर को पोषक तत्व पूरी तरह से मिलते हैं।
खाना धीरे-धीरे खाने से व्यक्ति अपनी खाने की आदतों के प्रति और भी जागरूक हो जाता है, जिससे वह जरूरत से ज्यादा खाने से बचता है। दिमाग को पेट भरने का संकेत देने में कुछ समय लगता है, इसलिए धीरे खाने से यह सिग्नल सही समय पर मिल जाता है।
माधवन ने “अपने भोजन को पिएं और अपने पानी को चबाएं” कहकर, लोगों को तरल पदार्थों को भी उतनी ही गंभीरता से लेने के लिए कहा है। वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि खाने को ज्यादा चबाने से वजन घटाने में मदद मिलती है, क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और कैलोरी की खपत को कम करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग और सही समय पर भोजन
माधवन के रूटीन का मुख्य हिस्सा था इंटरमिटेंट फास्टिंग। इसमें दिन के एक खास समय पर ही खाना खाया जाता है। माधवन का आखिरी भोजन शाम 6:45 बजे होता था और वह दोपहर 3 बजे के बाद कच्चा खाना बिल्कुल नहीं खाते थे। रात में लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर जमा हुई चर्बी का इस्तेमाल करता है और इंसुलिन सिस्टम को भी बेहतर बनाता है।
आजकल वजन कंट्रोल करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को काफी प्रभावी माना जाता है। इससे हार्मोनल प्रतिक्रियाएं होती हैं, जो फैट मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती हैं और मेटाबोलिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं। खाने का समय सीमित करने से अपने आप कैलोरी की खपत कम हो जाती है। माधवन ने इन तरीकों को मिलाकर तीन हफ्तों में सुरक्षित और तेजी से वजन कम किया।
सिर्फ पका हुआ खाना
दोपहर के बाद कच्ची चीजों से परहेज करने से पाचन तंत्र को फायदा होता है, क्योंकि पका हुआ भोजन आसानी से पच जाता है। यह आदत सुनने में थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन यह पेट का काम हल्का कर सकती है।
माधवन ने ऐसे खाने पर ध्यान दिया, जिसमें कैलोरी कम और पोषक तत्व ज्यादा हों और जो आसानी से पच जाए। हरी पत्तेदार सब्जियों में जरूरी विटामिन, मिनरल, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो वजन घटाने और सेहत बनाए रखने में मदद करते हैं। माधवन ने बिना प्रोसेस्ड फूड वाली डाइट से ही अपने वजन को कंट्रोल किया।
लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें
माधवन ने जिम जाने की जगह सुबह की लंबी सैर को प्राथमिकता दी। सैर करने से चर्बी घटती है, मूड अच्छा होता है और मांसपेशियों का वजन भी बना रहता है, बिना थके या तनाव लिए।
माधवन ने जल्दी सोने और गहरी नींद लेने पर भी जोर दिया। सोने से कम से कम 90 मिनट पहले स्क्रीन का इस्तेमाल बंद करने से मेलाटोनिन हार्मोन सही से बनता है, जो नींद की गुणवत्ता को नियंत्रित करता है।
पर्याप्त नींद लेने से शरीर भूख वाले हार्मोन को नियंत्रित करता है, खाने की इच्छा को कम करता है और मेटाबॉलिक क्रियाओं को भी बनाए रखता है। ये सभी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें डाइट प्लान को सपोर्ट करती हैं। ये आदतें मिलकर लंबे समय तक स्वास्थ्य और वजन को बनाए रखने में मदद करती हैं।
हाइड्रेशन और अनुशासन
माधवन के रूटीन का एक और जरूरी हिस्सा था शरीर को हाइड्रेटेड रखना। भरपूर पानी पीने से शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, पाचन में सुधार होता है और मेटाबॉलिज्म तेज होता है। अपने 21 दिनों के इस सफर में माधवन ने इंटरमिटेंट फास्टिंग, सही समय पर खाना, हेल्दी फूड, सैर और अच्छी नींद के नियमों का सख्ती से पालन किया।
संतुलित वजन क्यों है जरूरी?
शरीर के वजन को संतुलित रखना समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादा वजन और कम वजन दोनों के अपने स्वास्थ्य जोखिम हैं। मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे कि हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कुछ तरह के कैंसर। इससे शरीर के सिस्टम पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे जोड़ों में दर्द और स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
माइंडफुल तरीके से खाएं
सबसे जरूरी बात यह है कि हमेशा माइंडफुल होकर खाना खाएं। धीरे-धीरे खाना और खाने पर पूरा ध्यान देना, ये कुछ आसान तरीके हैं जो खाने के अनुभव को बेहतर बनाते हैं और स्वास्थ्य लाभ भी देते हैं।
क्या आप भी अपनी लाइफस्टाइल में कोई बदलाव लाना चाहेंगे?
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है और इसमें दी गई राय सभी के लिए सामान्य नहीं है। हर व्यक्ति के लिए वजन घटाने के परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। यह सामग्री पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है।
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