नई दिल्ली – केंद्रीय मंत्री रह चुकीं और भाजपा की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आने वाली हैं। वह मशहूर टीवी धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के रीबूट वर्जन में एक बार फिर ‘तुलसी विरानी’ की भूमिका निभा रही हैं — वही किरदार जिसने उन्हें हर घर का जाना-पहचाना चेहरा बना दिया था।
The Indian Express से बातचीत में स्मृति ईरानी ने अभिनय में वापसी, बदलते टेलीविजन उद्योग, अपनी दोहरी भूमिकाओं (राजनीति और अभिनय) के संतुलन और अपने राजनीतिक सफर पर विस्तार से बात की।
अभिनय में वापसी का फैसला क्यों?
ईरानी ने बताया कि यह एक सीमित एपिसोड की वेब सीरीज़ है, जिसमें वह जियोहॉटस्टार के वाइस चेयरमैन उदय शंकर और निर्माता एकता कपूर के साथ काम कर रही हैं।
“मैं आज के युवाओं से जुड़ी कहानियों और विषयों पर कुछ करना चाहती थी। यह एक नई दुनिया है — ओटीटी प्लेटफॉर्म, जिसमें मैंने पहले कभी काम नहीं किया। मैं इस प्रोजेक्ट को बतौर एक अदाकारा और एक पर्यवेक्षक के रूप में देख रही हूं,” ईरानी ने कहा।
क्या बदला है टेलीविजन की दुनिया में?
एक दशक बाद सेट पर लौटकर स्मृति ईरानी ने नए माहौल को लेकर अपनी प्रतिक्रिया साझा की।
“पहले अभिनय में कोई खास तैयारी नहीं होती थी। लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है। सेट पर युवा कलाकारों के साथ स्क्रिप्ट रीडिंग हुई, और वहां राजनीति, संसद और विधायी प्रक्रिया को लेकर चर्चा हो रही थी।”
“सिर्फ कलाकार ही नहीं, बल्कि लेखक और क्रिएटिव डायरेक्टर भी राजनीतिक प्रक्रियाओं को जानने को उत्सुक थे। उनके लिए यह मीडिया वर्कशॉप से ज़्यादा एक ‘राजनीतिक वर्कशॉप’ जैसा हो गया था।”
राजनीति और अभिनय का संतुलन कैसे बनाएंगी?
ईरानी ने स्पष्ट किया कि वे अब भी एक सक्रिय राजनेता हैं और दोनों भूमिकाएं उनके लिए नई नहीं हैं।
“लोग मुझे अब सिर्फ मंत्री के रूप में पहचानते हैं, लेकिन 2003 में जब मैं भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव थी, तब भी मीडिया में सक्रिय थी।”
“पिछले 10 वर्षों में एक नई पीढ़ी ने मुझे केवल एक राजनेता के रूप में देखा है, लेकिन उससे पहले मैंने कई काल्पनिक किरदार निभाए थे।”
राज्यसभा नामांकन की अटकलों पर जवाब
राज्यसभा में नामित सदस्य बनाए जाने की चर्चाओं को खारिज करते हुए ईरानी ने कहा:
“मैं सिर्फ 49 साल की हूं, अभी भी सक्रिय राजनीति में हूं। मैंने तीन बार सांसद के रूप में काम किया है और पांच मंत्रालयों का कार्यभार संभाला है। मेरे पास अनुभव भी है और उम्र भी मेरे साथ है।”
सरकार और संसद से बाहर रहने का मलाल है?
“मैं 2011 में सांसद बनी। उससे पहले भी मैं राजनीति में सक्रिय थी। मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं लगती, मैं ऐसा काम करती हूं कि लोग मुझे मिस करें,” ईरानी ने मुस्कुराते हुए कहा।
“भाजपा में राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए कुछ करने का माध्यम है। मैं अपने साथियों की उपलब्धियों से खुश होती हूं।”
क्या शो में कोई सामाजिक या राजनीतिक संदेश है?
ईरानी का मानना है कि यह शो काल्पनिक होते हुए भी सामाजिक सच्चाइयों को परोक्ष रूप से उजागर करेगा।
“आज के युवाओं और परिवारों के लिए प्रासंगिक मुद्दों को दर्शाने की कोशिश की जाएगी। कल्पना के जरिए सच्चाइयों को दिखाना आसान नहीं होता, लेकिन ज़रूरी होता है।”
“पहली बार ऐसा हुआ है कि एक जीईसी (जनरल एंटरटेनमेंट चैनल) का प्रोमो किसी किरदार पर नहीं, बल्कि उस किरदार को निभाने वाली अदाकारा यानी Smriti Irani पर आधारित है।”
क्या यह शो गुजराती संस्कृति को दर्शाता है?
“इस बार शो में अलग-अलग संस्कृतियों का मेल देखने को मिलेगा। मैं पारसी परिवार में शादी के बाद भी एक गुजराती महिला के रूप में पहचानी जाती हूं — यह उस कहानी और किरदार की शक्ति है।”
क्या कभी नकारात्मक भूमिका निभाएंगी?
“मेरे अंदर नकारात्मक किरदार निभाने की क्षमता नहीं है। राजनीति में कुछ लोग मानते हैं कि मैं नकारात्मक हूं,” ईरानी ने हंसते हुए कहा।
“लेकिन एक जिम्मेदार राजनेता होने के नाते मैं कुछ भी गैर-जिम्मेदाराना नहीं कर सकती — यहां तक कि पर्दे पर भी नहीं।”
क्या संसद के मानसून सत्र को फॉलो करेंगी?
“बिलकुल करूंगी। मैं राजनीति से कभी बाहर नहीं थी और अब भी नहीं हूं।”
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