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सुरेंद्रनगर भूमि घोटाला: ‘स्पीड मनी’ रैकेट का पर्दाफाश, डिप्टी मामलतदार के बेडरूम से 67.5 लाख कैश बरामद; कलेक्टर पर गिरी गाज

| Updated: December 25, 2025 13:56

'स्पीड मनी' का खेल: बेडरूम में मिले 67.5 लाख कैश, कलेक्टर का तबादला; जानिये कैसे होता था जमीनों के बदलाव का सौदा

अहमदाबाद/सुरेंद्रनगर: गुजरात के सुरेंद्रनगर जिला समाहरणालय (Collectorate) में भ्रष्टाचार के एक बड़े और सुनियोजित खेल का भंडाफोड़ हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई में डिप्टी मामलतदार चंद्रसिंह मोरी के बेडरूम से 67.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से जिला कलेक्टर राजेंद्र पटेल का तबादला कर दिया है, जबकि विशेष PMLA अदालत ने आरोपी डिप्टी मामलतदार को 8 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

बेडरूम में कैश और ‘स्पीड मनी’ का खेल

जांच एजेंसियों के मुताबिक, सुरेंद्रनगर कलेक्ट्रेट में “स्पीड मनी” (रिश्वत) का एक व्यवस्थित रैकेट चल रहा था। यह पैसा मुख्य रूप से कृषि भूमि को गैर-कृषि (Non-Agriculture) भूमि में बदलने की फाइलों को तेजी से पास करने के लिए वसूला जाता था।

ईडी ने अदालत को बताया कि चंद्रसिंह मोरी इस रैकेट के “मुख्य सूत्रधार” (Pivot) थे। उनके घर पर हुई छापेमारी में बेडरूम से 67.5 लाख रुपये नकद मिले, जिसे उन्होंने रिश्वत की कमाई होना स्वीकार किया है। ईडी का आरोप है कि मोरी ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की है।

प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से तय था ‘रेट’

ईडी की जांच में सामने आया है कि रिश्वत की यह मांग कोई मामूली नहीं थी, बल्कि यह एक “वेल-ऑयल्ड रैकेट” (Well-oiled racket) था।

जमीन के उपयोग परिवर्तन (CLU) के लिए रिश्वत की राशि पहले से तय (Pre-fixed) होती थी। यह राशि जमीन के क्षेत्रफल (प्रति वर्ग मीटर) के आधार पर कैलकुलेट की जाती थी। पैसा सीधे नहीं, बल्कि बिचौलियों और दलालों के माध्यम से रूट किया जाता था।

व्हाट्सएप चैट और ‘हिसाब’ की डायरी ने खोले राज

चंद्रसिंह मोरी के मोबाइल फोन और घर से मिले दस्तावेजों ने इस घोटाले की परतें खोल दी हैं। डिजिटल सबूतों में व्हाट्सएप चैट और पीडीएफ फाइलें मिली हैं, जिनमें रिश्वत की वसूली का पूरा “हिसाब-किताब” दर्ज था।

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि इन रिकॉर्ड्स में जिला कलेक्टर के निजी सहायक (PA) को समय-समय पर पैसा भेजने और उच्च अधिकारियों (Higher Officials) को नकद हिस्सा सौंपने का जिक्र है। घर से मिले कागजों पर आवेदकों के नाम, फाइल नंबर और उनसे मांगी गई रिश्वत की रकम का ब्योरा हाथ से लिखा हुआ मिला है।

कलेक्टर राजेंद्र पटेल ‘शंट’, जांच का दायरा बढ़ा

ईडी और एसीबी की कार्रवाई के बाद मचे हड़कंप के बीच, राज्य सरकार ने बुधवार को सुरेंद्रनगर के जिला कलेक्टर राजेंद्र पटेल का तबादला कर दिया। उन्हें फिलहाल कोई नई पोस्टिंग नहीं दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, यह कदम निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और विवाद से बचने के लिए उठाया गया है। डीडीओ (DDO) को कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यदि जांच एजेंसियां पटेल को गिरफ्तार करती हैं, तो नियमानुसार उन्हें 24 घंटे के भीतर निलंबित कर दिया जाएगा।

कोर्ट की कार्यवाही

बुधवार को आरोपी चंद्रसिंह मोरी को विशेष जज के.एम. सोजित्रा की अदालत में पेश किया गया। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन बचाव पक्ष के वकील नितिन गांधी के विरोध के बाद अदालत ने 1 जनवरी तक (8 दिन) की कस्टडी मंजूर की। ईडी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस सिंडिकेट में और कौन-कौन से बड़े अधिकारी शामिल हैं और “अपराध की कमाई” (Proceeds of Crime) का बंटवारा कहां तक होता था।

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