दमिश्क। सीरिया में रविवार को विद्रोही गुटों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। विद्रोही लड़ाके सरकारी टेलीविजन चैनल पर दिखाई दिए। उन्होंने दमिश्क के पतन और राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन के अंत की घोषणा की। असद के देश छोड़ के भागने की खबरें हैं।
सशस्त्र लड़ाकों के साथ सैन्य वर्दी पहने एक व्यक्ति ने हवा में एक बयान पढ़ा, जिसे ‘बयान नंबर 1’ कहा गया। उसने दावा किया कि विद्रोही यूनिट्स ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया है।
ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरियाई विद्रोही गुटों ने कहा कि विद्रोही लड़ाके रविवार तड़के दमिश्क में घुस आए।
निगरानीकर्ता ने कहा कि सैकड़ों सरकारी सैनिकों को दमिश्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हटने का आदेश दिया गया है। कुछ सरकारी सैनिक अपनी सैन्य वर्दी उतारकर नागरिक कपड़े पहने हुए देखे गए।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक दमिश्क की सड़कों पर गोलियों की तेज आवाजें सुनी गईं और राजधानी से बाहर जाने वाली वाली कारों के कारण यातायात काफी अधिक था।
सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने विद्रोहियों द्वारा दमिश्क में प्रवेश करने के दावे के तुरंत बाद फेसबुक पर पब्लिश एक वीडियो में कहा कि वह लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ ‘सहयोग’ करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने नागरिकों से सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ न करने की अपील की।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी का कहना है कि सभी राज्य संस्थाएं अल-असद के प्रधानमंत्री की निगरानी में तब तक रहेंगी जब तक उन्हें आधिकारिक रूप से सौंप नहीं दिया जाता।
असद सरकार के पतन के बाद बड़ी संख्या में नागरिक सड़कों पर उतर आए और ‘क्रांति ध्वज’ लहराने लगे। यह एक पुराना ध्वज है जिसका उपयोग सीरिया में बशर अल-असद के दिवंगत पिता हाफिज अल-असद के शासन से पहले किया जाता था।
59 वर्षीय बशर अल-असद ने अपने पिता हाफ़िज़ अल-असद की मृत्यु के बाद 2000 में सत्ता संभाली। अल असद 1971 से देश का शासन संभाल रहे थे।
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