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तिरुपति लड्डू विवाद में बड़ा खुलासा: बिना दूध खरीदे 250 करोड़ का नकली घी सप्लाई!

| Updated: November 10, 2025 16:01

सीबीआई का बड़ा खुलासा: बिना एक बूंद दूध खरीदे उत्तराखंड की डेयरी ने तिरुपति मंदिर को बेचा 250 करोड़ का नकली घी, जानें कैसे हुआ यह महाघोटाला।

तिरुपति लड्डू प्रसादम में मिलावटी घी के मामले की सीबीआई जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उत्तराखंड की एक डेयरी ने 2019 से 2024 के बीच तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को 250 करोड़ रुपये का 68 लाख किलो घी सप्लाई किया, जबकि इस दौरान उसने एक बूंद भी दूध या मक्खन कहीं से नहीं खरीदा।

सीबीआई जांच में खुली पोल

लड्डू में मिलावटी घी के इस्तेमाल की जांच कर रही सीबीआई की विशेष जांच टीम (SIT) ने नेल्लोर कोर्ट में अपनी रिमांड रिपोर्ट में यह सनसनीखेज जानकारी दी है। जांच में पता चला कि ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’ को घी सप्लाई करने का ठेका मिला था। इस डेयरी के प्रमोटर पोमिल जैन और विपिन जैन ने उत्तराखंड के भगवानपुर में एक नकली देसी घी बनाने की यूनिट लगाई थी और दूध खरीद व भुगतान के फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।

एसआईटी ने आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा किया है। अजय कुमार सुगंध ही वह व्यक्ति है जिसने ‘भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी’ को मोनोडाइग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे रसायन सप्लाई किए थे, जिनका इस्तेमाल नकली घी बनाने में किया जाता था।

ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी जारी रही सप्लाई

हैरानी की बात यह है कि 2022 में ब्लैकलिस्ट होने के बावजूद, ‘भोले बाबा डेयरी’ ने अन्य डेयरियों के जरिए टीटीडी को नकली घी सप्लाई करना जारी रखा। इनमें तिरुपति की ‘वैष्णवी डेयरी’, यूपी की ‘माल गंगा’ और तमिलनाडु की ‘एआर डेयरी फूड्स’ शामिल हैं। इन डेयरियों के नाम पर बोली लगाकर ‘भोले बाबा डेयरी’ ने अपना काला कारोबार जारी रखा।

रिजेक्टेड घी को दोबारा सप्लाई करने का खेल

सीबीआई जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले साल जुलाई में एआर डेयरी द्वारा सप्लाई किए गए घी के चार कंटेनरों को टीटीडी ने जानवरों की चर्बी की मिलावट के शक में रिजेक्ट कर दिया था। लेकिन यह रिजेक्टेड घी वापस एआर डेयरी नहीं पहुंचा। जांच में पता चला कि इन टैंकरों को वैष्णवी डेयरी प्लांट के पास स्थित एक स्थानीय स्टोन क्रशिंग यूनिट की ओर मोड़ दिया गया था।

अगस्त 2024 में, वैष्णवी डेयरी, जो उस समय भी आंध्र प्रदेश सर्कल श्रेणी में टीटीडी को घी सप्लाई कर रही थी, ने इन कंटेनरों पर लेबल बदलकर और नकली घी की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार कर इसे वापस टीटीडी को सप्लाई कर दिया। दुखद बात यह है कि इसी नकली घी का इस्तेमाल बाद में पवित्र तिरुपति लड्डू प्रसादम बनाने में किया गया।

यह पूरा मामला न सिर्फ करोड़ों रुपये के घोटाले का है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ एक बड़ा खिलवाड़ भी है। सीबीआई की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में और भी कई बड़े खुलासे होंगे।

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