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अमेरिका में ग्रीन कार्ड और यात्रा नियमों में बड़ा बदलाव: 26 दिसंबर से सख्त हुए कानून, 19 देशों के नागरिकों पर रहेगी खास नजर

| Updated: December 27, 2025 13:02

ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख: ग्रीन कार्ड होल्डर्स को अब हर एंट्री-एग्जिट पर गुजरना होगा बायोमेट्रिक टेस्ट से, 19 देशों के लिए जारी हुई 'रेड लिस्ट'।

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका की यात्रा करने वाले नॉन-यूएस सिटीजन्स (गैर-अमेरिकी नागरिकों) और ग्रीन कार्ड धारकों के लिए नियमों में भारी बदलाव किया गया है। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा जारी किए गए नए वीजा यात्रा प्रतिबंध और इमिग्रेशन (आप्रवासन) प्रोटोकॉल 26 दिसंबर, 2025 से प्रभावी हो गए हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तहत शुरू किए गए इन उपायों का मुख्य उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और सीमा प्रबंधन को आधुनिक बनाना है।

इन नए नियमों के लागू होने के बाद अब ग्रीन कार्ड धारकों सहित सभी विदेशी यात्रियों को एयरपोर्ट्स और सीमाओं पर सख्त जांच प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।

बायोमेट्रिक एंट्री-ग्जिट सिस्टम: अब बच्चों और बुजुर्गों को भी छूट नहीं

नए नियमों के तहत सबसे बड़ा बदलाव ‘बायोमेट्रिक एंट्री-ग्जिट सिस्टम’ (Biometric Entry-Exit System) में किया गया है। अब यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के अधिकारी अमेरिका के हर प्रवेश और निकास द्वार (एयरपोर्ट, लैंड बॉर्डर और बंदरगाह) पर सभी गैर-अमेरिकी नागरिकों की तस्वीरें लेंगे।

खास बात यह है कि इस नियम में अब उन आयु वर्गों को भी शामिल कर लिया गया है, जिन्हें पहले छूट मिलती थी। इसका मतलब है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों और 79 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को भी अब इस बायोमेट्रिक जांच से गुजरना होगा। तस्वीरों के अलावा, सीबीपी (CBP) अधिकारी अब ‘ट्रैवलर वेरिफिकेशन सर्विस’ के तहत उंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट) और आईरिस स्कैन (आंखों की पुतली की स्कैनिंग) भी ले सकते हैं, ताकि यात्री के दस्तावेजों का सही मिलान किया जा सके।

इन 19 देशों के ग्रीन कार्ड धारकों की होगी गहन समीक्षा

सुरक्षा चिंताओं और पिछली वेटिंग (vetting) प्रक्रियाओं में खामियों के चलते, यू.एस. सि citizenship एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने 19 विशिष्ट देशों के नागरिकों को जारी किए गए ग्रीन कार्ड्स की गहन समीक्षा (Intensive Reviews) करने का आदेश दिया है। इन देशों को सुरक्षा जोखिमों के लिए चिह्नित किया गया है।

ये 19 देश हैं: अफ़गानिस्तान, बर्मा (म्यांमार), चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया सूडान, यमन, बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला।

इन देशों के मूल निवासियों को अब सीमाओं पर अधिक पूछताछ और सख्त जांच का सामना करना पड़ सकता है।

यात्रियों के लिए इसका क्या मतलब है?

ग्रीन कार्ड धारकों और अमेरिका जाने वाले अन्य यात्रियों को इन नए प्रोटोकॉल के कारण अपनी यात्रा योजनाओं में कुछ सावधानियां बरतनी होंगी:

  1. अनिवार्य बायोमेट्रिक जांच: देश में प्रवेश करते समय और देश छोड़ते समय, हर बार आपकी फोटो ली जाएगी और बायोमेट्रिक्स लिए जा सकते हैं।
  2. सख्त पूछताछ: विशेष रूप से ऊपर बताए गए 19 देशों के यात्रियों को बॉर्डर पर अधिकारियों द्वारा अधिक सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
  3. दस्तावेजों की तैयारी: यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने सभी कागजात और दस्तावेज पूरी तरह से अपडेट रखें ताकि अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर तुरंत प्रस्तुत किए जा सकें।
  4. संभावित देरी: इन नई प्रक्रियाओं के कारण पेंडिंग या भविष्य के ग्रीन कार्ड और वीजा आवेदनों के निपटारे में देरी हो सकती है।

प्रशासन का क्या कहना है?

यू.एस. कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने अपनी फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि एक एकीकृत बायोमेट्रिक एंट्री-ग्जिट सिस्टम क्यों जरूरी है। उनके अनुसार, “आने और जाने वाले विदेशी यात्रियों के बायोमेट्रिक डेटा का मिलान करने से आतंकवाद के खतरे, वैध यात्रा दस्तावेजों के धोखाधड़ीपूर्ण उपयोग और वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी अमेरिका में रहने वाले (overstays) लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह उन लोगों को भी ट्रैक करेगा जो बिना अनुमति के देश में मौजूद हैं।”

आगे क्या होगा?

इस बायोमेट्रिक सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने की प्रक्रिया अगले तीन से पांच वर्षों तक जारी रहेगी। इसकी शुरुआत प्रमुख हवाई अड्डों से होगी और धीरे-धीरे इसे सभी जमीनी और समुद्री बंदरगाहों तक विस्तारित किया जाएगा। DHS और USCIS द्वारा जल्द ही ग्रीन कार्ड समीक्षाओं और चिह्नित देशों के व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाने की उम्मीद है।

ग्रीन कार्ड धारकों, विशेष रूप से उन 19 देशों के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा करने या स्टेटस निर्णय का इंतजार करने के दौरान इमिग्रेशन वकीलों से परामर्श करें और सरकारी संचार पर नजर बनाए रखें।

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