नई दिल्ली: अमेरिका जाने का सपना देख रहे भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। अमेरिकी सरकार ने गैर-आप्रवासी वीज़ा (NIV) के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत अब आवेदकों को वीज़ा इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट अपने ही देश या कानूनी निवास वाले देश में लेना अनिवार्य होगा।
अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि यह नया नियम तत्काल प्रभाव से पूरी दुनिया में लागू कर दिया गया है। इस नियम के लागू होने का सीधा मतलब यह है कि अब भारतीय नागरिक, जिन्हें किसी ज़रूरी काम से जल्द अमेरिका जाना है, वे जल्दी अपॉइंटमेंट पाने के लिए किसी दूसरे देश का रुख नहीं कर पाएंगे।
आपको याद होगा, कोविड-19 महामारी के बाद जब भारत में वीज़ा आवेदनों का अंबार लग गया था और वेटिंग टाइम तीन साल तक पहुंच गया था, तब कई भारतीयों ने दूसरे देशों जैसे थाईलैंड, सिंगापुर और जर्मनी में जाकर B1 (बिजनेस)/B2 (टूरिस्ट) वीज़ा का इंटरव्यू दिया था। लेकिन अब अगर भविष्य में वैसी स्थिति दोबारा बनती है, तो यह विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। गैर-आप्रवासी वीज़ा में पर्यटन, व्यापार, छात्र, अस्थायी कर्मचारी और अमेरिकी नागरिकों से विवाह करने वालों को जारी किए जाने वाले वीज़ा शामिल होते हैं।
भारत में अभी भी लंबा है इंतज़ार
अमेरिकी विदेश विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, वर्तमान में भी भारत के अलग-अलग शहरों में B1/B2 वीज़ा इंटरव्यू के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हैदराबाद और मुंबई में यह प्रतीक्षा समय साढ़े तीन महीने है, जबकि दिल्ली में साढ़े चार महीने, कोलकाता में पांच महीने और चेन्नई में तो यह इंतजार नौ महीने का है।
ट्रैवल एजेंटों ने याद किए पुराने दिन
एक प्रमुख ट्रैवल एजेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 2021 के बाद जब यात्रा फिर से शुरू हुई, तो भारतीय सिर्फ पड़ोसी देशों ही नहीं, बल्कि जर्मनी जैसे दूर के देशों में भी B1/B2 इंटरव्यू के लिए जाते थे। उन्होंने बताया, “लोग बैंकॉक, सिंगापुर और यहां तक कि फ्रैंकफर्ट भी जाते थे। वे वहां एक हफ्ता से 10 दिन रुकते, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से अपना पासपोर्ट वापस लेते और फिर भारत लौटते थे।”
दिलचस्प बात यह है कि दो साल पहले, फ्रैंकफर्ट स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने खास तौर पर भारतीय आवेदकों के लिए इंटरव्यू अपॉइंटमेंट अलग रखे थे, क्योंकि उस समय भारत में वेटिंग पीरियड 15 से 20 महीने तक था। यहां तक कि H-1B वीज़ा के आवेदक ब्राजील के रियो डी जनेरियो और थाईलैंड के चियांग माई जैसे स्थानों पर भी गए हैं।
किन लोगों को मिलेगी इस नियम में छूट?
इस नए नियम में कुछ अपवाद भी रखे गए हैं। यह छूट उन देशों के नागरिकों के लिए है जहां अमेरिकी सरकार नियमित गैर-आप्रवासी वीज़ा संचालन नहीं कर रही है। उदाहरण के लिए, रूस के नागरिक अस्ताना या वारसॉ में, अफगानिस्तान के नागरिक इस्लामाबाद में और ईरान के नागरिक दुबई में अपने वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
वीज़ा नियमों में सख्ती का दौर जारी
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में वीज़ा नियमों को लगातार सख्त बनाया जा रहा है। यह नया नियम उसी कड़ी का एक हिस्सा है। इससे पहले, 25 जुलाई के एक अपडेट के अनुसार, पिछले मंगलवार (2 सितंबर) से एक और नियम लागू किया गया है। इसके तहत अब 14 साल से कम और 79 साल से अधिक उम्र के आवेदकों सहित लगभग सभी को व्यक्तिगत रूप से कांसुलर अधिकारी के सामने इंटरव्यू देना होगा।
इसमें केवल उन लोगों को कुछ राहत दी गई है जो अपने पूरी वैधता वाले B-1, B-2, या B1/B2 वीज़ा को उसकी समाप्ति के 12 महीने के भीतर रिन्यू करा रहे हैं, बशर्ते पिछला वीज़ा जारी होने के समय उनकी उम्र कम से कम 18 साल रही हो।
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