सूरत सेज के निर्यात को तेज होने से कोरोना महामारी भी नहीं रोक पाई। सूरत के SEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) ने पिछले दो वर्षों में निर्यात में 250 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, यहां तक कि ऐसी कठिन परिस्थिति में भी जब एक लम्बे समय तक उत्पादन ठप्प था । इस प्रकार सूरत के सेज स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए अंधेरे में एक अनूठी आशा के रूप में उभरे हैं।
अमेरिका और यूरोप द्वारा हांगकांग और चीन के बहिष्कार से सूरत को फायदा
जानकारों का मानना है कि कोरोना के मद्देनजर अमेरिका और यूरोप द्वारा हांगकांग और चीन के बहिष्कार से गुजरात और सूरत को खास फायदा हुआ है. सूरत के आभूषण उद्योग, कपड़ा उद्योग, हीरे, सौर उपकरण, तंबाकू और प्लास्टिक क्षेत्र के निर्यात में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।
हीरा, रबर, सौर ऊर्जा और तंबाकू उत्पाद के निर्यात में उछाल
वित्तीय वर्ष 2018-19 में सूरत का SEZ निर्यात 7,655 करोड़ रुपये था। वही निर्यात 2021-22 में बढ़कर 18,021 करोड़ हो गया है। एसईजेड उत्पादों की अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में अत्यधिक मांग है। लैब में विकसित हीरा, रबर, सौर ऊर्जा और तंबाकू उत्पाद पांच फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी हो गए हैं।
सूरत के विदेश व्यापार अधिकारी के महानिदेशक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों में सूरत सेज के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। स्वाभाविक रूप से पॉलिश और प्रयोगशाला में बने हीरे यूरोप और अमेरिका में उच्च मांग में थे जब दुनिया के अन्य सभी व्यवसाय बंद हो गए थे। मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और उसके बाद लॉकडाउन के दौरान मुंबई से हीरा निर्यात ठप हो गया। इन हालात में सूरत ने मोर्चा संभाला।
लैब में तैयार किए गए हीरों की मांग बढ़ी
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष दिनेश नवाड़िया ने कहा कि चीन में कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर अमेरिका और यूरोप ने चीन और हांगकांग में हीरे के व्यापार का बहिष्कार किया था। इसका सीधा फायदा सूरत को हुआ। इस बीच लैब में तैयार किए गए हीरों की मांग भी बढ़ी। इसके साथ ही अमेरिकी बाजार में चांदी में तेजी देखी गई। इन सब चीजों से सूरत के हीरा उद्योग को मदद मिली।
नए माहौल में दुनिया में चमकेगा सूरत का हीरा
इससे सूरत का हीरा उद्योग न केवल कठिन समय में टिक पाया बल्कि अच्छा प्रदर्शन भी कर पाया। इसने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन किया और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की। अब जबकि अर्थव्यवस्था खुल गई है और नए राजनीतिक आयाम आकार ले रहे हैं, सूरत के हीरा उद्योग को लाभ होना तय है।
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