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साबरकांठा में मवेशी पालकों का आंदोलन उग्र, दूध सड़कों पर उड़ेला

| Updated: July 15, 2025 18:10

दूध खरीद मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर मवेशी पालकों का गुस्सा फूटा, हिंसा और आंसू गैस के बीच एक प्रदर्शनकारी की मौत

गुजरात के साबरकांठा जिले में मवेशी पालकों का आंदोलन तेज हो गया है। नाराज पशुपालकों ने सोमवार को साबर डेयरी को दूध देने के बजाय उसे सड़कों पर बहा दिया। आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क उठी, पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

पत्थरबाजी में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि प्रदर्शन से लौटते वक्त अशोक चौधरी नामक एक प्रदर्शनकारी की तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।

अशोक चौधरी के परिजनों का दावा है कि उन्हें कोई पुरानी बीमारी नहीं थी और उनकी तबीयत आंसू गैस के कारण बिगड़ी।

मवेशी पालक डेयरी द्वारा दूध खरीद की कीमत बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वे इस साल घोषित 9 से 10 फीसदी बढ़ोतरी के बजाय 20 से 25 फीसदी वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने पूर्व बायड विधायक जसु पटेल समेत 70 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर में करीब 1,000 लोगों की भीड़ का भी उल्लेख है।

जिला पुलिस अधीक्षक विजय पटेल के मुताबिक, साबरकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (साबर डेयरी) के बाहर हिंमतनगर के पास हुए विरोध प्रदर्शन के बाद 40 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि जब प्रदर्शनकारियों को डेयरी के मुख्य गेट पर रोका गया तो उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए और कुछ पुलिस वाहनों को नुकसान भी पहुंचा।

इस बीच, बायड के निर्दलीय विधायक धवलसिंह झाला भी मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारी मवेशी पालकों को अपना समर्थन दिया। झाला ने कहा—

“सैकड़ों मवेशी पालक, जो इस डेयरी के सदस्य हैं, दूध खरीद की कीमतों पर सार्थक संवाद के लिए डेयरी के बाहर एकत्र हुए थे। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। मैं प्रबंधन से अपील करता हूं कि उनकी मांगें स्वीकार करें। मैं मवेशी पालकों पर पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं, जो इस डेयरी के असली मालिक हैं।”

मवेशी पालकों के समर्थन में आवाजें लगातार तेज हो रही हैं।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि अगर मवेशी पालकों को बातचीत के लिए डेयरी के अंदर बुला लिया जाता तो एक जान नहीं जाती। उन्होंने सरकार द्वारा बल प्रयोग कर आंदोलन को दबाने को लोकतंत्र के लिए गलत बताते हुए कहा कि सरकार को तुरंत मवेशी पालकों की जायज मांगों पर ध्यान देना चाहिए।

गोहिल ने यह भी आरोप लगाया कि डेयरी के 16 में से 15 निदेशक एक ही विचारधारा के हैं।

आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने भी एक्स पर पोस्ट कर गुजरात की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को “अहंकारी” करार दिया और कहा कि सरकार को यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए कि मवेशी पालक लाचार हैं। गढ़वी हिंमतनगर पहुंचे और आंदोलनकारी मवेशी पालकों की समस्याएं सुनीं।

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