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AI 171 हादसा: मैकेनिकल फेलियर से इनकार, एयर इंडिया की छवि सुधारने को लेकर टाटा और सरकार में मंथन

| Updated: July 26, 2025 10:23

FAA प्रमुख ने AI 171 विमान दुर्घटना में मैकेनिकल फेलियर की संभावना से इनकार किया है। टाटा समूह और केंद्र सरकार एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सक्रिय मंथन में जुटे हैं।

नई दिल्ली: अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के नए प्रमुख ब्रायन बेडफोर्ड ने कहा है कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के हादसे में विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच को “मानव द्वारा” बदले जाने की आशंका है और यह घटना तकनीकी खराबी की वजह से नहीं हुई है।

FAA प्रशासक ब्रायन बेडफोर्ड ने कहा, “हम यह कह सकते हैं कि यह बोइंग फ्यूल कंट्रोल यूनिट की मैकेनिकल विफलता नहीं लगती। हमें भरोसा है कि यह किसी अनजाने में किए गए स्विच ऑपरेशन का मामला भी नहीं है।”

वहीं, भारत के नागरिक उड्डयन अधिकारियों ने इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की है और अंतिम रिपोर्ट तक प्रतीक्षा करने की अपील की है। ज्ञात हो कि हादसे के दौरान विमान के इंजनों तक ईंधन की आपूर्ति बाधित हो गई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि फ्यूल स्विच की स्थिति में बदलाव क्यों और कैसे हुआ।

टाटा समूह और सरकार में उच्च-स्तरीय बैठकें, एयर इंडिया को पटरी पर लाने की कवायद

AI 171 दुर्घटना और हालिया नियामक कार्रवाइयों के चलते एयर इंडिया की साख पर असर पड़ा है। इसे सुधारने के लिए टाटा समूह और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच तेज़ मंथन शुरू हो गया है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने शुक्रवार को केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और सचिव समीर कुमार सिन्हा से मुलाकात की।

इससे पहले एयरलाइन के सीईओ कैंपबेल विल्सन और मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच तीन दिनों तक विस्तार से बैठकें हुईं, जिनमें कई ठोस सुझाव सामने आए हैं।

“रखरखाव, नेतृत्व और संवाद से जुड़ी सभी समस्याओं पर गंभीरता से चर्चा हुई है। सरकार मजबूत विमानन क्षेत्र चाहती है और हर जरूरी सहयोग देगी,” — सूत्र।

एयर इंडिया में सुधार की दिशा में उठाए जा रहे कदम

हालिया बैठकों में जिन पहलुओं को तुरंत सुधारने की आवश्यकता बताई गई है, उनमें प्रमुख हैं:

  • विमानों की एयरवर्दीनेस (उड़ान लायक स्थिति)
  • इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस सिस्टम
  • स्पेयर पार्ट्स की कमी, जिससे कई बार एयरक्राफ्ट ‘मिनिमम इक्विपमेंट लिस्ट (MEL)’ के तहत लंबे समय तक उड़ते रहते हैं। MEL के तहत कुछ उपकरणों के बगैर सीमित समय के लिए उड़ान की अनुमति होती है, बशर्ते वह सुरक्षा को प्रभावित न करे।

संस्कृति और नेतृत्व की चुनौती

सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया और विस्तारा का विलय भी चुनौतियों से भरा रहा। उन्होंने कहा, “विस्तारा को एयर इंडिया में मिलाया गया, जबकि उल्टा होना चाहिए था। दोनों एयरलाइनों की कार्य संस्कृति बिल्कुल अलग है। अब यही अंतर समस्याओं की जड़ बन गया है।”

इस स्थिति से निपटने के लिए सिंगापुर एयरलाइंस (SIA), जो एयर इंडिया में 25.1% की भागीदारी रखती है, को ज्यादा सक्रिय भूमिका देने पर विचार किया जा रहा है।

सुरक्षा बनाम विस्तार: प्राथमिकता तय करने की जरूरत

हादसे के बाद एयर इंडिया ने कई फ्लाइट्स में कटौती की है। सूत्रों का कहना है कि अब “सुरक्षा पहले” की नीति अपनाना जरूरी है।

जानकारों का कहना है कि, “AI समेत सभी एयरलाइनों को ग्रोथ की बजाय सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। यह स्पष्ट संदेश होना चाहिए।”

बोइंग से सबक लेने की ज़रूरत

एयर इंडिया की मौजूदा स्थिति की तुलना बोइंग कंपनी से की जा रही है, जो कभी इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के लिए जानी जाती थी, लेकिन MAX विमान के दो भीषण हादसों के बाद इसकी छवि को गहरा धक्का लगा। अब वह ग्राहकों का भरोसा दोबारा जीतने की कोशिश कर रही है।

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