अहमदाबाद: बलात्कार के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू के समर्थकों ने सूरत के सिविल अस्पताल परिसर में उनकी तस्वीर लगाकर आरती और पूजा की, जिसके बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि स्वघोषित संत के शिष्यों को केवल मरीजों को फल बांटने की अनुमति दी गई थी।
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. केतन नायक ने कहा, “हमने तुरंत सब कुछ रोकने का आदेश दिया। हमने उन्हें अस्पताल में साहित्य बांटने से भी रोक दिया। घटना की जानकारी मिलते ही हमने कार्रवाई की। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं।”
यह घटना रविवार को नए सिविल अस्पताल में स्टेम सेल भवन के गेट के पास हुई बताई जा रही है। आसाराम की कथित पूजा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पूजा के दौरान अस्पताल के कुछ अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया।
आसाराम बलात्कार के दो मामलों में दोषी ठहराए गए हैं। उनकी पहली सजा राजस्थान के जोधपुर मामले में हुई थी, और बाद में उन्हें अहमदाबाद आश्रम में अपनी शिष्या के साथ बलात्कार का दोषी पाया गया था।
उन्हें धारा 376 2 (सी) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (गलत तरीके से नजरबंद रखना), 354 (किसी महिला पर उसकी मर्यादा को भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और अन्य आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था।
हालांकि, इन सजाओं ने उनके समर्थकों को हतोत्साहित नहीं किया है।
यह भी पढ़ें-
बॉस को कर्मचारी से हुआ प्यार, तलाक के लिए पत्नी को दिए ₹3.7 करोड़, फिर कहानी में आया यू-टर्न!
अमेरिका से तनाव के बीच जयशंकर की रूबियो से अहम मुलाकात, H-1B वीज़ा और ट्रेड डील पर हुई चर्चा










