देश में डीमैट खातों की संख्या अगस्त में पहली बार 100 मिलियन अंक से ऊपर रही। डिपॉजिटरी फर्म नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Limited )(एनडीएसएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (Central Depository Services )(सीडीएसएल) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने 2.2 मिलियन से अधिक नए खाते– चार महीनों में – खोले गए। इससे संचयी आंकड़ा 100.5 मिलियन तक पहुंच गया।
भारत में डीमैट खातों का संख्या देश में कोविड-19 के प्रकोप से ठीक पहले मार्च 2020 में 40.9 मिलियन थी। यह वृद्धि दरअसल बाजार में तेज उछाल, लॉकडाउन और प्रतिबंधों के कारण घटे काम के घंटे, घर से काम करने की व्यवस्था में बदलाव, खाता खोलने में आसानी, मोबाइल और डेटा पैठ में वृद्धि के अलावा ब्रोकरेज दरों में गिरावट के कारण संभव हुआ है।
सीडीएसएल के एमडी और सीईओ नेहल वोरा ने कहा, “100 मिलियन डीमैट खातों होना बड़ी उपलब्धि है। घरेलू बचत में वृद्धि की पृष्ठभूमि के मद्देनजर डीमैट खातों और प्रतिभूति यानी सिक्योरिटी बाजार की इनवेस्टमेंट एवेन्यू के रूप में स्वीकृति का एक प्रमाण है।” एनएसडीएल कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रशांत वागल ने कहा, “पिछले दो वर्षों में हमने डीमैट खातों में पर्याप्त वृद्धि देखी है। यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि एनएसडीएल का कस्टडी मूल्य अप्रैल 2020 में 174 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर अगस्त 2022 में 320 ट्रिलियन ( 4 ट्रिलियन डॉलर) हो गया। यह खुदरा और संस्थागत निवेशकों दोनों की भागीदारी को इंगित करता है। ”
खातों की संख्या के संदर्भ में बतौर सूचीबद्ध कंपनी-सीडीएसएल- की बाजार हिस्सेदारी अधिक है, लेकिन एसेट कस्टडी मूल्य (एयूसी) के तहत संपत्ति की बात आती है तो एनडीएसएल बड़ा होता है। अगस्त के अंत में सीडीएसएल 38.5 ट्रिलियन रुपये के एयूसी के साथ 71.6 मिलियन डीमैट खाते संचालित किए। दूसरी ओर, एनएसडीएल के 320 ट्रिलियन रुपये के एयूसी के साथ 28.9 मिलियन खाते थे।