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Adani Power को Singrauli की Dhirouli Coal Mine में ऑपरेशन की मंजूरी – कैसे बदलेगा भारत की बिजली सप्लाई का भविष्य?

| Updated: September 2, 2025 17:24

Adani Power को Singrauli में Dhirouli Coal Mine से खनन शुरू करने की मंजूरी, ईंधन सुरक्षा और सस्ती बिजली आपूर्ति की दिशा में बड़ा कदम

अहमदाबाद। देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी अडानी पावर लिमिटेड ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसे कोयला मंत्रालय से मध्य प्रदेश के सिंगरौली में धीरौली कोयला खदान में ऑपरेशन शुरू करने के लिए मंजूरी मिल गई है।

कंपनी ने कहा कि यह मंजूरी उसकी ईंधन सुरक्षा को मजबूत करने और भविष्य में स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई अपनी सूचना में कहा, “अडानी पावर लिमिटेड को मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने के लिए कोयला मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।”

धीरौली खदान का स्वामित्व अडानी पावर की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड के पास है। इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है, जिसमें से 5 एमटीपीए ओपन-कास्ट खनन से और शेष भूमिगत परिचालन से आएगा।

भूवैज्ञानिक रिपोर्ट से पता चलता है कि खदान में 558 मिलियन टन से अधिक का भंडार है, जो दशकों तक ईंधन सुरक्षा और परिचालन स्थिरता प्रदान करेगा।

अडानी पावर की योजना वित्त वर्ष 27 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष की ओपन-कास्ट अधिकतम क्षमता हासिल करने की है, जबकि भूमिगत खनन नौ साल बाद शुरू होगा।

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में बताया कि इस ब्लॉक के लिए कंपनी के पास 30 साल का खनन पट्टा है, जिससे दीर्घकालिक संचालन सुनिश्चित होता है।

कंपनी को मिली मंजूरी पर सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा, “धीरौली में खनन शुरू होना, आत्मनिर्भरता और सतत विकास की ओर अडानी पावर की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”

ख्यालिया ने कहा, “कच्चे माल की आपूर्ति में बैकवर्ड इंटीग्रेशन करके, हम न केवल लागत को कम कर रहे हैं, बल्कि लाखों उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली आपूर्ति भी सुनिश्चित कर रहे हैं। हमारा ध्यान जिम्मेदार खनन और दीर्घकालिक मूल्य सृजन पर बना हुआ है।”

कंपनी ने कहा कि वह कोयले में अशुद्धियों को कम करने और उत्सर्जन को न्यूनतम रखने के लिए खदान क्षेत्र के भीतर ही कोयले की धुलाई और प्रसंस्करण करेगी।

यह अडानी पावर की पहली कैप्टिव खदान है जिसे संचालन के लिए सरकारी मंजूरी मिली है।

धीरौली से प्राप्त कोयले से कंपनी की व्यापारिक बिजली की जरूरतें पूरी होने की उम्मीद है और साथ ही पास के 1,200 मेगावाट के महान पावर प्लांट को भी आपूर्ति की जाएगी, जिसकी क्षमता को बढ़ाकर कंपनी की ओर से 3,200 मेगावाट किया जा रहा है।

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