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अडानी पावर को मिला मध्य प्रदेश में 1600 MW का थर्मल पावर प्रोजेक्ट, कंपनी ने ऐसे जीती अतिरिक्त 800 MW की बाजी

| Updated: September 11, 2025 11:52

भारत में पहली बार थर्मल पावर टेंडर में 'ग्रीनशू ऑप्शन' का उपयोग; अडानी पावर मध्य प्रदेश में करेगा ₹21,000 करोड़ का निवेश, हजारों रोजगार होंगे पैदा।

अहमदाबाद। भारत में थर्मल पावर टेंडर में ग्रीनशू ऑप्शन के पहली तरह के अडॉप्शन के साथ अडानी पावर लिमिटेड (एपीएल) ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी को हाल ही में हुए टेंडरिंग प्रोसेस के तहत एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) से कुल 1,600 मेगावाट क्षमता के लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) मिला है।

भारत के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर थर्मल पावर जनरेटर को एमपीपीएमसीएल से ग्रीनशू ऑप्शन के तहत 800 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता के लिए एलओए मिला है।

मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित 800-800 मेगावाट की दोनों यूनिट अपॉइंटेड डेट से 60 महीनों के भीतर चालू हो जाएंगी। कंपनी प्लांट और इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को सेटअप करने के लिए लगभग 21,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।

इस परियोजना से निर्माण चरण के दौरान 9,000-10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है और निर्माण चरण पूरा होने के बाद 2,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

अडानी ग्रुप की कंपनी के अनुसार, यह एपीएल द्वारा इसी बोली प्रक्रिया में 800 मेगावाट की प्रारंभिक क्षमता हासिल करने में मिली सफलता के बाद संभव हुआ है।

पिछले 12 महीनों में यह कंपनी को मिला पांचवां सबसे बड़ा पावर सप्लाई ऑर्डर है, जिससे कुल आवंटित क्षमता 7,200 मेगावाट हो गई है।

अडानी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “हमें खुशी है कि अडानी पावर ने न केवल मध्य प्रदेश में 800 मेगावाट की प्रारंभिक परियोजना हासिल की है, बल्कि ग्रीनशू विकल्प के तहत 800 मेगावाट की अतिरिक्त परियोजना भी हासिल की है।”

ख्यालिया ने आगे कहा, “यह प्रोजेक्ट राज्य और राज्य में रहने वाले लोगों को विश्वसनीय, किफायती और सस्टेनेबल बिजली उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के साथ हमारी दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करता है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास में सहयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

800 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता भी 5.838 रुपए प्रति यूनिट यानी पहले की 800 मेगावाट क्षमता पर लागू दर के समान है।

एपीएल एक नए 1,600 मेगावाट (800 मेगावाट x 2) अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर यूनिट से पावर सप्लाई करेगा, जिसे डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट (डीबीएफओओ) मॉडल पर सेटअप किया जाएगा।

कंपनी को उम्मीद है कि स्टेट डिस्कॉम यानी राज्य की बिजली वितरण कंपनी के साथ समय पर पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

अडानी पावर वर्तमान में 23.72 गीगावाट क्षमता वृद्धि पर काम कर रहा है, जिससे 2031-32 तक कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 41.87 गीगावाट हो जाएगी।

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