अहमदाबाद: शहर के वासना पुलिस थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। 30 वर्षीय युवक अंकित सोलंकी की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीजेपी विधायक अमित ठाकर के भतीजे समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर (FIR) दर्ज की है। पुलिस ने आरोपियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी (SC/ST) एक्ट के तहत गंभीर धाराएं लगाई हैं।
भाई ने बयां किया दर्द: ‘दुकान बंद कराने की देते थे धमकी’
मृतक अंकित के बड़े भाई, कुणाल सोलंकी ने सोमवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर यह कार्रवाई शुरू की गई है। कुणाल का आरोप है कि ये सभी आरोपी पिछले कई हफ्तों से अंकित को मानसिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित कर रहे थे। वे लगातार उनके परिवार की रोजी-रोटी, यानी उनकी दुकान को बंद करवाने की धमकियां दे रहे थे।
इस मामले की पुष्टि करते हुए एसीपी (SC/ST सेल), रोशनी सोलंकी ने बताया, “इस केस में छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से एक नील ठाकर, बीजेपी विधायक अमित ठाकर का भतीजा है। फिलहाल सभी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और फरार चल रहे हैं।”
शराबबंदी के केस की रंजिश और मानसिक तनाव
पुलिस को दी गई एफआईआर के मुताबिक, अंकित और उसका भाई श्यामल चौराहे पर संयुक्त रूप से ‘गुज्जुभाई पान पैलेस’ (Gujjubhai Pan Palace) नाम की दुकान चलाते थे। शिकायत में कहा गया है कि एक रिश्तेदार से जुड़े पुराने विवाद को लेकर आरोपियों का अंकित से अक्सर झगड़ा होता रहता था।
हालात तब और बिगड़ गए जब हाल ही में आरोपियों के खिलाफ शराबबंदी (Prohibition) का एक मामला दर्ज हुआ। इस केस में अपराध की जगह के तौर पर अंकित की पान की दुकान का नाम लिखवा दिया गया। इसी बात को लेकर आरोपियों और अंकित के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और आए दिन कहासुनी होने लगी थी।
कुणाल ने एफआईआर में बताया, “ये लड़के हमारी दुकान बंद करवाना चाहते थे। वे धमकी देते थे कि मीडिया का इस्तेमाल करके हमारे पिता की इज्जत मिट्टी में मिला देंगे।” कुणाल के अनुसार, इस लगातार होती प्रताड़ना की वजह से अंकित गहरे मानसिक तनाव में था।
26 नवंबर की वो मनहूस दोपहर
घटनाक्रम के अनुसार, 26 नवंबर को अंकित ने घबराकर अपने पिता और भाई को कान्कावती फ्लैट्स चौराहे के पास मिलने के लिए बुलाया। वहां उसने अपना डर जाहिर करते हुए कहा कि आरोपी उसे शराब के झूठे केस में फंसाने की साजिश रच रहे हैं और दुकान बंद करवा देंगे।
उसी दिन दोपहर बाद, एक आरोपी ने कुणाल को एक मैसेज दिखाया। दावा किया गया कि यह मैसेज अंकित ने अपनी मौत से ठीक पहले लिखा था। एफआईआर में शामिल इस संदेश में अंकित का दर्द साफ झलकता है, जिसमें लिखा था कि आरोपियों ने उसका “जीवन नरक बना दिया है”, उसे “मानसिक रूप से तोड़ा है” और अब वह “इसे और सहन नहीं कर सकता”।
इस मैसेज को देखते ही कुणाल घबराकर घर की तरफ भागे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घर की दूसरी मंजिल पर अंकित का शव छत से लटका हुआ मिला।
सभी आरोपी फरार, पुलिस की तलाश जारी
वासना पुलिस ने कुणाल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सभी छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। नामजद आरोपियों में राज सुखवासिया, मानव ठक्कर, मिहिर देसाई, उमंग देसाई, तीर्थ प्रधान और नील ठाकर शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश के लिए टीमें लगा दी गई हैं।
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