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अहमदाबाद बोइंग क्रैश: अमेरिकी सरकार के शटडाउन ने 125+ पीड़ित परिवारों के न्याय के इंतजार को बढ़ाया, मुकदमे में हो रही देरी

| Updated: November 3, 2025 13:17

125+ पीड़ित परिवारों की ओर से अमेरिकी फर्म 'बीसली एलन' कर रही है पैरवी, FAA से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) डेटा मिलने में हो रही देरी।

12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण बोइंग विमान हादसे के 125 से अधिक पीड़ित परिवारों की कानूनी लड़ाई में एक नई अड़चन आ गई है। इन परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही अमेरिकी लॉ फर्म ‘बीसली एलन’ (Beasley Allen) ने पुष्टि की है कि 1 अक्टूबर से शुरू हुए अमेरिकी सरकार के शटडाउन (सरकारी कामकाज ठप होना) के कारण मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में “देरी” हो रही है।

फर्म के एक प्रतिनिधि ने जानकारी दी कि उन्होंने अहमदाबाद में हुए इस हादसे से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा अमेरिकी अधिकारियों से मांगा है। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 260 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन, मौजूदा सरकारी शटडाउन के चलते यह प्रक्रिया कथित तौर पर धीमी पड़ गई है।

‘बीसली एलन’ के प्रमुख अटॉर्नी माइकल एंड्रयूज ने एक संदेश में स्पष्ट किया, “अमेरिकी सरकार के शटडाउन के कारण, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) से किसी भी प्रतिक्रिया में विलंब हुआ है। बीसली एलन वर्तमान में विमान में और जमीन पर मारे गए 125 से अधिक पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहा है।”

क्या था अहमदाबाद हादसा?

यह दर्दनाक हादसा 12 जून को हुआ था, जब अहमदाबाद से गैटविक (लंदन) के लिए उड़ान भरने वाला बोइंग 787-8 विमान टेक-ऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस त्रासदी में विमान में सवार 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के अलावा जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी मौत हो गई थी। एयर इंडिया की इस उड़ान में दीव के ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश एकमात्र जीवित बचे थे। विमान मेघनिनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के बॉयज हॉस्टल की मेस बिल्डिंग पर दोपहर के भोजन के समय गिरा था।

FAA से मांगा गया है CVR डेटा

कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए, ‘बीसली एलन’ फर्म ने 13 अगस्त को अमेरिकी ‘फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट’ (जो भारत के सूचना का अधिकार अधिनियम जैसा है) के तहत FAA को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में दुर्घटना से जुड़ी अहम जानकारी, विशेष रूप से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की रिकॉर्डिंग, मुहैया कराने की मांग की गई थी ताकि मुकदमा आगे बढ़ाया जा सके।

अटॉर्नी माइकल एंड्रयूज द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में “एयर इंडिया फ्लाइट 171 से जुड़ी जांच में एकत्र की गई सभी विमान दुर्घटना जानकारी की पूरी कॉपी… सभी एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) सूचना, दुर्घटना स्थल की सभी तस्वीरें, वीडियो और डायग्राम… और सभी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) जानकारी, जिसमें ऑडियो फाइलें और ट्रांसक्रिप्ट शामिल हैं,” की मांग की गई है।

एंड्रयूज ने कहा, “FAA की प्रतिक्रिया और ऑनबोर्ड फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मिले डेटा के आधार पर, अगर दुर्घटना की जांच इसकी मांग करती है, तो बीसली एलन बोइंग पर अमेरिकी अदालत में मुकदमा करने की योजना बना रही है।”

माइकल एंड्रयूज इससे पहले भी विमानन आपदाओं के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने 2019 के इथियोपियन एयरलाइंस बोइंग 737 मैक्स फ्लाइट 302 दुर्घटना के पीड़ितों की पैरवी की थी, जिसमें 149 यात्रियों और आठ चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। एंड्रयूज इस हादसे के बाद दो बार गुजरात का दौरा भी कर चुके हैं।

AAIB की रिपोर्ट पर उठाए थे सवाल

इससे पहले, मेघनिनगर में दुर्घटना स्थल का दौरा कर चुके एंड्रयूज ने पारदर्शिता और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) व CVR को जारी करने की मांग को प्राथमिकता बताया था।

उन्होंने एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर भी टिप्पणी की थी। एंड्रयूज ने कहा था, “प्रारंभिक रिपोर्ट में CVR का पूरा डेटा साझा नहीं किया गया। यह भ्रम पैदा करता है और गलत तरीके से पायलटों को दोषी ठहराता है।”

उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसे स्वचालित विमानों में सिस्टम जटिल होते हैं और “कंप्यूटर कमांड द्वारा सक्रिय हो सकते हैं”।

लंबी कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हैं परिवार

इस बीच, पीड़ितों के परिवार वालों का कहना है कि वे समझते हैं कि ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है। इस हादसे में अपने भाई, भाभी और उनके दो बच्चों को खोने वाले सैय्यद इम्तियाज अली (जो मूल रूप से मुंबई के हैं और दुबई में बस गए हैं) ने रविवार को कहा, “हमारे परिवार के चार सदस्यों को खोने की पीड़ा कम नहीं हो सकती, लेकिन हम धैर्यवान और दृढ़ हैं। हम जानते हैं कि इस कानूनी लड़ाई में समय लगेगा और हम इसके लिए तैयार हैं। हम यह सब जवाबदेही तय करने के लिए कर रहे हैं।”

एक अन्य पीड़ित के परिवार के सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमें बताया गया था कि ऐसे मामलों में जांच और कानूनी प्रक्रियाओं में एक साल से अधिक समय लगता है। इसलिए, हम मानसिक रूप से तैयार हैं और रातोरात किसी नतीजे की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।”

एयर इंडिया पर ‘विनाशकारी’ प्रभाव

एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) कैंपबेल विल्सन ने 29 अक्टूबर को नई दिल्ली में ‘एविएशन इंडिया 2025’ सम्मेलन में बोलते हुए अहमदाबाद विमान दुर्घटना को एयरलाइन के लिए “विनाशकारी” करार दिया।

साथ ही, अपने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में विल्सन ने लिखा कि AAIB की अंतरिम रिपोर्ट ने प्रारंभिक निष्कर्षों को “अधिक स्पष्टता” दी है, लेकिन उन्होंने आगाह किया कि जांच “अभी खत्म नहीं हुई है”।

गौरतलब है कि 12 जुलाई को जारी AAIB की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया था कि टेक-ऑफ के कुछ ही पलों बाद ‘फ्यूल कटऑफ’ (ईंधन की आपूर्ति बंद होना) की एक घटना हुई थी, हालांकि दुर्घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए पूरी जांच अभी जारी है।

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