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एयर इंडिया हादसे पर एनटीएसबी की चेतावनी: जांच पूरी होने से पहले न लगाएं अटकलें

| Updated: July 19, 2025 12:19

260 लोगों की जान लेने वाले एयर इंडिया हादसे पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया की जल्दबाज़ी पर अमेरिकी और भारतीय जांच एजेंसियों ने जताई चिंता, कहा- बिना ठोस साक्ष्यों के न फैलाएं भ्रम।

नई दिल्ली: 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया 171 विमान हादसे में 260 लोगों की मौत के बाद अब जांच रिपोर्ट को लेकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अटकलों का दौर तेज़ हो गया है। इसी बीच अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और भारत की एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने मीडिया को संयम बरतने और तथ्यों की पुष्टि के बिना कोई निष्कर्ष न निकालने की अपील की है।

एएआईबी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि उड़ान के दौरान ईंधन की आपूर्ति अचानक बंद हो गई, जिस पर एक पायलट ने दूसरे से सवाल किया, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद The Wall Street Journal समेत कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि क्रैश की वजह कॉकपिट में पायलट के बीच भ्रम या मानवीय त्रुटि हो सकती है।

एनटीएसबी चेयर का बयान: रिपोर्टिंग जल्दबाज़ी में की जा रही है

एनटीएसबी की चेयरपर्सन जेनिफर होमेंडी ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में इस तरह की रिपोर्टिंग को “अटकलबाज़ी और समय से पहले” बताया।

उन्होंने कहा, “एयर इंडिया 171 क्रैश को लेकर हालिया मीडिया रिपोर्टें अटकलों पर आधारित हैं। भारत की एएआईबी ने अभी सिर्फ प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस स्तर की जांच में समय लगता है।”

एएआईबी ने ‘भ्रामक और अपुष्ट रिपोर्टिंग’ को बताया ग़लत

एएआईबी ने गुरुवार को भी एक बयान जारी कर अंतरराष्ट्रीय मीडिया, खासकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को “भ्रामक और अपुष्ट” करार दिया।

ब्यूरो ने कहा:

“इस तरह की त्रासदी ने जनता का ध्यान खींचा है, लेकिन यह समय अटकलबाज़ी और भय फैलाने का नहीं है। भारतीय विमानन प्रणाली की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली अपुष्ट और मनमानी रिपोर्टिंग से बचा जाना चाहिए।”

एएआईबी ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान चुनिंदा और अप्रमाणित तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाल रहे हैं, जो कि “ग़ैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक” है, क्योंकि इससे जांच प्रक्रिया की गंभीरता पर असर पड़ सकता है।

ब्यूरो ने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट का मकसद केवल घटनाओं का क्रम बताना है, न कि किसी को दोषी ठहराना।

ब्लैक बॉक्स डेटा को लेकर विवाद

The Wall Street Journal ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि कैप्टन सुमीत सभरवाल (56 वर्ष) ने ईंधन नियंत्रण स्विच को खुद बंद किया, जिससे विमान अहमदाबाद में एक डॉक्टर्स हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया।

हादसे में विमान में सवार 260 लोगों की मौत हुई, जिनमें 19 ज़मीन पर मौजूद लोग भी शामिल हैं। यह भारत की सबसे गंभीर विमान दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही है। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जीवित बच सका।

क्या कहती है प्रारंभिक रिपोर्ट?

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, विमान ने टेकऑफ के बाद महज़ 30 सेकंड तक उड़ान भरी। उड़ान की अधिकतम गति तक पहुँचने के बाद, दोनों इंजनों (Engine 1 और Engine 2) के फ्यूल कटऑफ स्विच “रन” से “कटऑफ” स्थिति में बदल गए – और वह भी एक सेकंड के अंदर।

बाद में स्विच दोबारा “रन” स्थिति में लाए गए, लेकिन तब तक विमान की ऊंचाई काफी गिर चुकी थी और पावर दोबारा पाने का समय नहीं बचा।

निष्कर्ष के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार ज़रूरी

AAIB और NTSB दोनों ने यह स्पष्ट किया है कि अंतिम जांच रिपोर्ट आने से पहले किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना गलत होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की त्रासदी के मामले में धैर्य और जिम्मेदारी बेहद जरूरी है, ताकि सही कारणों की पहचान हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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