आग लगने के बाद रजिस्टर में बदलाव और जालसाजी करने के आरोप में आरएमसी के दो अधिकारी गिरफ्तार.
पिछले महीने राजकोट के टीआरपी मॉल गेमिंग जोन (TRP Mall gaming zone) में हुई दुखद घटना के मद्देनजर गुजरात उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव (शहरी विकास) को राज्य भर में नगर निगमों के कामकाज की जांच करने का निर्देश जारी किया है।
अदालत ने जोर देकर कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए और लापरवाही या निष्क्रियता के सभी पहलुओं की गहन जांच की जानी चाहिए। रिपोर्ट 4 जुलाई, 2024 तक अदालत को सौंपी जानी है।
इस बीच, राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के दो अधिकारियों को आग लगने के बाद आधिकारिक रजिस्टर में बदलाव करने और दस्तावेजों में जालसाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में आरएमसी के सहायक नगर नियोजन अधिकारी राजेश मकवाना और सहायक अभियंता जयदीप चौधरी शामिल हैं।
इसके साथ ही 25 मई की घटना के सिलसिले में छह सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
घटनाओं की कड़ी
हाई कोर्ट का यह फैसला मोरबी ब्रिज के ढहने, हरनी झील में नाव दुर्घटना और राजकोट में आग लगने जैसी घटनाओं के बाद आया है, जिसमें नगर निगम आयुक्तों और नागरिक कर्मचारियों द्वारा कर्तव्यों की अनदेखी को उजागर किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि गुजरात में संबंधित निगमों के नगर आयुक्तों की ओर से कर्तव्यों की अनदेखी को दर्शाने वाली हाल की घटनाओं के मद्देनजर राज्य में नगर निगमों के कामकाज की जांच की जानी चाहिए।
कोर्ट ने कहा, “ये बार-बार होने वाली घटनाएं दर्शाती हैं कि निगमों द्वारा प्रबंधित सार्वजनिक स्थान और महत्वपूर्ण सार्वजनिक पैदल यात्रा वाले मनोरंजन स्थल, संस्थागत प्रमुखों द्वारा कर्तव्यों की अनदेखी या निष्क्रियता के कारण असुरक्षित रखे गए हैं।”
राजकोट गेमिंग ज़ोन त्रासदी के संबंध में एक suo motu याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए गए।
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