साइबेरिया में “लगातार लू (हीटवेव)” के दौरान आर्कटिक क्षेत्र में भूमि का तापमान 48C के शिखर पर पहुंच गया है।
यूरोपीय संघ की ‘कॉपरनिकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस’ ने कहा कि गर्मी के पहले दिन रूसी क्षेत्र में भूमि की सतह का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है।
इसके अलावा साइबेरिया हाल के वर्षों में जंगल की आग और सामान्य तापमान से अधिक गर्म रहा है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि पिछले साल सुदूर पूर्वोत्तर क्षेत्र द्वारा अनुभव की गई “लू” (गर्म हवाएं) मानव निर्मित जलवायु संकट के बिना “प्रभावी रूप से असंभव” होगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि आर्कटिक परिक्षेत्र में साइबेरिया के कुछ हिस्सों में इस साल एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ तापमान दर्ज किया जा रहा है।
यूरोपीय संघ के कोपरनिकस कार्यक्रम के अनुसार, आर्कटिक शहर, सास्किलख में 20 जून को 31.9C तापमान दर्ज किया, उन्होने कहा कि ग्रीष्मकालीन संक्रांति से पहले 1936 के बाद से यह छोटे समुदाय का सबसे गर्म तापमान था।
कॉपरनिकस ने कहा कि साइबेरिया और विशेष रूप से इसका सखा गणराज्य इस समय “लगातार लू” का अनुभव कर रहा था।
यूरोपीय संघ के कार्यक्रम के उपग्रहों ने भूमि की सतह के तापमान को हवा के तापमान से अलग पाया। 20 जून को साइबेरिया में व्यापक रूप से तापमान 35C को पार कर गया, जिसमें वेरखोजंस्क शहर के पास 48 ° C, गोवोरोवो में 43 ° C और सास्किला में 37 ° C की चोटियाँ शामिल थीं।