बिटकनेक्ट: संस्थापक के भारत से भाग जाने से $2.4 बिलियन क्रिप्टो स्कैम फिर चर्चा में

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बिटकनेक्ट: संस्थापक के भारत से भाग जाने से $2.4 बिलियन क्रिप्टो स्कैम फिर चर्चा में

| Updated: March 5, 2022 21:20

बिटकॉइन में उससे लगभग $56 मिलियन की वसूली की गई, जिसे अमेरिकी न्याय विभाग ने "संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अब तक की सबसे बड़ी एकल क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी की वसूली" कहा।

28 अक्टूबर 2017 को थाईलैंड में बिटकनेक्ट के पहले और एकमात्र वार्षिक सम्मेलन में निवेशक कार्लोस माटोस दर्शकों में जोश भरने के लिए मंच पर गए। उन्होंने मुस्कुराते हुए,

“अरे हे हीइइइइ… वस्सा वस्सा वस्सा वस्सा वस्सा बिटकोनीईईईईईईईईईईसीटी ” जैसा गाया।

यह सुंदर मीम है, जो एचबीओ के लास्ट वीक टुनाइट में दिखाया गया है और अभी भी कभी-कभी इंटरनेट पर नजर आ जाता है। लेकिन कुछ लोगों को इसके पीछे के कथित घोटाले की याद है, जिसने उन निवेशकों को चूना लगाने से पहले नहीं सोचा, जिसमें उनसे 2.4 अरब डॉलर (लगभग 18,000 करोड़ रुपये) जुटाए गए थे।

हालांकि गत 25 फरवरी को मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब एक अमेरिकी जूरी ने आधिकारिक तौर पर बिटकनेक्ट के संस्थापक भारत के सतीश कुंभानी पर एक वैश्विक पोंजी योजना को व्यवस्थित करने का आरोप लगाया। फिर सोमवार को इसमें एक और मोड़ आया, जिसमें प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश को बताया कि कुंभानी शायद भारत से भाग गया है और किसी अज्ञात विदेशी पते पर चला गया है। उसने कहा, “इस समय कुंभानी का स्थान हालांकि पता नहीं है, और आयोग यह बताने में असमर्थ है कि उसका पता लगाने के उसके प्रयास कब सफल होंगे।” वैसे उसने भारत के वित्तीय नियामक अधिकारियों के साथ मशविरा होने की बात कही।

क्या था बिटकनेक्ट?

बिटकनेक्ट एक ऐसी साइट थी, जहां निवेशक भारी रिटर्न के बदले कंपनी को अपनी क्रिप्टोकरेंसी से ऋण दे सकते थे। यह इस बात पर निर्भर करता था कि ऋण कितने समय के लिए था।

अभियोजकों ने कहा कि प्लेटफॉर्म को ट्रेडिंग बॉट और “अस्थिरता ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर” का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए गारंटीकृत रिटर्न हासिल करना था, जो वैश्विक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की अस्थिरता का उपयोग करके पर्याप्त लाभ कमाते थे।

वैसे यह बड़े पैमाने पर लाभदायक निवेश कार्यक्रम (HYIP) निकला, जो एक प्रकार की पोंजी योजना है जो निरंतर उच्च रिटर्न का वादा करती है। लेकिन नए निवेशकों द्वारा निवेश किए गए धन के साथ पिछले निवेशकों को भुगतान करके चलन को बनाए रखती है।

सभी बिटकनेक्ट ऋण बिटकनेक्ट कॉइन (बीसीसी) में किए जाने थे। उपयोगकर्ताओं को बाजार दर पर बीसीसी के लिए बिटकॉइन का आदान-प्रदान करना था। बीसीसी में ऋण ब्याज और मूलधन का भी भुगतान किया गया था, जिसके बाद उपयोगकर्ता इसे बिटकॉइन और डॉलर में परिवर्तित कर सकते थे। इसने बीसीसी की भारी मांग पैदा कर दी, जिससे यह 2017 में शीर्ष 20 क्रिप्टो सिक्कों में से एक बन गया।

बिटकनेक्ट में एक बहुस्तरीय रेफरल सुविधा भी थी, जिसमें हजारों सोशल मीडिया उपयोगकर्ता पिरामिड योजना के समान अपने रेफरल कोड का उपयोग करके साइन-अप चलाने की कोशिश कर रहे थे।

जनवरी 2018 में, लगभग एक साल तक काम करने के बाद, टेक्सास स्टेट सिक्योरिटीज बोर्ड और नॉर्थ कैरोलिना सेक्रेटरी ऑफ स्टेट सिक्योरिटीज डिवीजन से समझौते के बाद कुंभानी ने उधार कार्यक्रम को अचानक बंद कर दिया।

“कुंभानी ने तब अपने प्रमोटरों के नेटवर्क को बीसीसी के लिए वैध बाजार की मांग की झूठी उपस्थिति बनाने के लिए बिटकनेक्ट की डिजिटल मुद्रा (बीसीसी) की कीमत में धोखाधड़ी और हेरफेर करने का निर्देश दिया।”

आरोप

उन्होंने और उनके सह-साजिशकर्ताओं ने कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक्सचेंजों के समूह के माध्यम से फंडों का आदान-प्रदान किया और लेन-देन करके निवेशकों से प्राप्त धन (मुख्य रूप से बिटकॉइन में) को छुपाया।

कुंभानी पर वायर फ्रॉड, कमोडिटी की कीमतों में हेराफेरी करने की साजिश, बिना लाइसेंस वाले मनी ट्रांसमिटिंग बिजनेस के संचालन और अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश का आरोप लगाया गया है। यदि सभी मामलों में दोषी ठहराया जाता है, तो उसे अधिकतम 70 साल की जेल की सजा हो सकती है। लेकिन तभी, जब वह पकड़ा जाता है।

$56 मिलियन बरामद

पिछले साल सितंबर में उत्तरी अमेरिका में बिटकनेक्ट के स्वयंभू ‘शीर्ष प्रमोटर’ ग्लेन आर्कारो को अमेरिका और विदेशों में बिटकनेक्ट निवेशकों को धोखा देने की एक बड़ी साजिश में भाग लेने के लिए दोषी ठहराया गया।

बिटकॉइन में उससे लगभग $56 मिलियन की वसूली की गई, जिसे अमेरिकी न्याय विभाग ने “संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अब तक की सबसे बड़ी एकल क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी की वसूली” कहा।

यूएस पोस्टल इंस्पेक्शन सर्विस क्रिप्टोक्यूरेंसी आय के अमेरिकी डॉलर में परिसमापन में सहायता कर रही है, ताकि पीड़ितों को हुए हर्जाने की भरपाई हो सके।

बिटकनेक्ट के भारत प्रमुख दिव्येश दारजी को गुजरात अपराध जांच विभाग ने अगस्त 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। वह अभी जमानत पर बाहर है और जांच के दायरे में है।

अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) ने कहा कि पति और पत्नी की एक जोड़ी को इस साल फरवरी में लगभग 4.5 बिलियन डॉलर मूल्य के चोरी हुए बिटकॉइन को लूटने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने डिजिटल मुद्रा विनिमय बिटफाइनक्स के 2016 हैक से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी में $ 3.6 बिलियन से अधिक जब्त कर लिया है।

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