कहा जाता है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। मार्च, 2020 से शुरू हुए कोविड -19 संकट के कारण लगे विभिन्न लॉकडाउन ने ऐसे कई खाली दिमाग वाले आपराधिक उद्यमियों को पैदा किया है। आश्चर्य नहीं कि कुछ झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना काम फिर शुरू कर दिया, तो कई नए झोलाछाप डॉक्टर तैयार हो गए।
32 वर्षीय श्याम रजनी और उसके पिता हेमंत रजनी को ही लें, दोनों ने राजकोट के कुवावड रोड पर अपने होटल द ग्रेट भगवती को एक कोविड केयर सेंटर में बदल दिया और वहां कोविड-19 रोगियों का इलाज शुरू कर दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह उनकी पहली कोशिश नहीं थी। उन्हें तीन साल पहले बिना किसी मेडिकल डिग्री के एलोपैथी की प्रैक्टिस करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जमानत पर बाहर चल रहे पिता-पुत्र की जोड़ी ने अपने होटल को कोविड सेंटर में बदल दिया।
राजकोट के बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, रजनी कोविड रोगियों से प्रतिदिन के हिसाब से 18,000 रुपये वसूल करता था। दोनों को 24 अप्रैल, 2021 को गिरफ्तार किया गया।
यह इकलौती कहानी नहीं है। अप्रैल से अब तक तीन महीने में गुजरात पुलिस ने 180 ऐसे मेडी-प्रेन्योर के खिलाफ मामला किया है और उनमें से 173 को राज्य के विभिन्न कोनों से उठाया है।
साबरमती, अहमदाबाद के 42 वर्षीय कुशलसिंह राठौड़ को एलोपैथी क्लिनिक चलाने के लिए स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) द्वारा पकड़ा गया गया था। उसके पास से एलोपैथी दवाएं बरामद हुई हैं। कुछ ही दूरी पर, अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने ढोलका तालुका के वतामन गांव से पश्चिम बंगाल के मूल निवासी व एक साल से गुजरात में बसे हेमंत रॉय को और साणंद तालुका के अनियारी गांव से रमजान खलीफा को पकड़ा है।
गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने कहा कि नकली कोविड दवाओं के निर्माण और कालाबाजारी के मामलों की जांच के दौरान ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के कारण उभर रहा संकट उनके संज्ञान में आया।
भाटिया ने बताया, ‘नकली कोविड दवाओं के निर्माण में शामिल तत्वों पर नकेल कसने की रणनीति बनाने के लिए एक बैठक के दौरान यह पता चला कि नर्मदा जिला पुलिस ने दो झोलाछाप डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है, जो डेडियापाड़ा के एक दूरदराज के इलाके में एलोपैथी की प्रैक्टिस कर रहे थे। इसके बाद हमने ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ राज्यव्यापी कार्रवाई शुरू की।’
उन्होंने कहा कि इस तरह के झोलाछाप दूर-दराज के इलाकों में प्रैक्टिस करते हैं और जल्दी पैसा कमाने के लिए बेगुनाह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे तत्वों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अहमदाबाद चैप्टर की पूर्व अध्यक्ष डॉ. मोना देसाई ने कहा कि जो लोग पकड़े गए हैं, वे तो बस किसी पहाड़ की नोक जैसे हैं। ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। आगे पूछने पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की संख्या 500 से ज्यादा होगी।
डॉ. देसाई ने कहा, ‘बात कोविड मरीज की हो या अन्य मरीज की, ऐसे तत्वों को लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हम पूरी तरह से ऐसे झोलाछाप लोगों के खिलाफ हैं।’
टॉप पांच जिले
जिला | मामले | आरोपियों की संख्या | गिरफ्तार आरोपियों की संख्या |
भरुच | 27 | 27 | 27 |
बनासकांठा | 25 | 25 | 23 |
नर्मदा | 17 | 17 | 17 |
वलसाड | 10 | 10 | 10 |
राजकोट | 07 | 07 | 07 |