अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक और लेखिका क्रिस्टीन फेयर का एक इंटरव्यू इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश पत्रकार मोईद पिरज़ादा से बातचीत के दौरान फेयर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए हिंदी की अपमानजनक गाली “चु**या” का इस्तेमाल किया। अब यह वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रही है।
फेयर, जिन्होंने पाकिस्तान आर्मी पर कई किताबें लिखी हैं, ने इस दौरान ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति की आलोचना की। उनका कहना था कि मौजूदा हालात में अमेरिकी प्रशासनिक ढांचा (ब्यूरोक्रेसी) ही आगे चलकर निर्णायक भूमिका निभाएगा।
भारत-अमेरिका साझेदारी पर बयान
पिरज़ादा ने जब उनसे पूछा कि क्या ट्रंप की व्यापारिक नीतियों के बाद अमेरिका, भारत को सुरक्षा साझेदार के रूप में नज़रअंदाज़ कर रहा है, तो फेयर ने कहा,
“मुझे नहीं लगता कि अमेरिका ने भारत से दूरी बनाई है। कम-से-कम ब्यूरोक्रेसी ने तो नहीं। ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में विशेष जानकार नहीं हैं। हालांकि यह लग सकता है कि सब कुछ उन्हीं पर निर्भर करता है, लेकिन असलियत यह है कि पिछले 25 वर्षों से अमेरिकी नौकरशाही इस रिश्ते को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।”
प्रशासनिक ढांचे पर असर
फेयर ने आगे कहा कि हाल के महीनों में अमेरिकी ब्यूरोक्रेसी कमजोर हुई है और हजारों स्टेट डिपार्टमेंट अधिकारी बाहर हो चुके हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा,
“आशावादी सोच कहती है कि ब्यूरोक्रेसी सब संभाल लेगी, लेकिन निराशावादी नजरिया बताता है कि अभी तो केवल छह महीने हुए हैं और हमारे पास पूरे चार साल हैं इस… ‘चु**या’ के। मैं नहीं सोच सकती कि अगर ट्रंप चार साल और रहते हैं तो मैं इस देश में रह पाऊंगी।”
सोशल मीडिया पर हलचल
उनके इस बयान पर पिरज़ादा भी हंस पड़े और फेयर से पूछा कि उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया। इस पर उन्होंने कहा, “क्योंकि ट्रंप सचमुच ‘चु**या’ हैं।”
इतना ही नहीं, फेयर ने मज़ाकिया अंदाज में यह भी बताया कि उनके वर्जीनिया नंबर प्लेट पर भी यही शब्द लिखा हुआ है।
सोशल मीडिया पर इस बयान ने खूब मनोरंजन किया। कई यूज़र्स ने लिखा कि अब यह हिंदी शब्द वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है। एक यूज़र ने कमेंट किया, “यह वाकई मज़ेदार है, अब ‘चु**या’ वर्ल्डवाइड हो गया है।” वहीं दूसरे ने लिखा, “यही असली ग्लोबलाइजेशन है।”
ट्रंप प्रशासन की आलोचना
गौरतलब है कि क्रिस्टीन फेयर लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की आलोचक रही हैं। उन्होंने ट्रंप पर कई बार “असंगत बयानों और नीतियों में पल-पल होने वाले बदलावों” का आरोप लगाया है।
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