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कपास पर Import Duty माफी से किसानों का नुकसान? अरविंद केजरीवाल का मोदी सरकार पर बड़ा हमला

| Updated: September 8, 2025 14:41

अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर कपास किसानों के साथ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए Import Duty माफी को तुरंत वापस लेने की मांग की।

कपास पर आयात शुल्क हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को किसानों के साथ धोखा बताते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की।

पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री ने कहा कि आयात शुल्क से छूट भारत के कपास उगाने वाले किसानों के लिए घातक साबित होगी। उन्होंने इस साल कपास उत्पादकों के लिए 20 किलो पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,100 तय करने की भी मांग उठाई।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि अमेरिका ने भारत के उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया है, ऐसे में भारत को भी जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए और अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 75% शुल्क लगाना चाहिए।

अहमदाबाद-राजकोट हाइवे के पास एक पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे किसानों ने जून-जुलाई में कपास बोया है। बीज, खाद और मजदूरी के लिए उन्होंने कर्ज भी लिया। अक्टूबर-नवंबर तक फसल तैयार होगी। किसान उम्मीद करते हैं कि उस समय उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है।”

गुजरात के सुरेंद्रनगर ज़िले के चोटिला में होने वाले किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए वे पहुंचे थे, लेकिन भारी बारिश और जलभराव के कारण कार्यक्रम टालना पड़ा। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

केजरीवाल ने बताया कि पहले अमेरिका से आने वाली कपास पर 11% शुल्क लगता था, जिससे वह भारतीय किसानों की कपास से महंगी पड़ती थी। लेकिन अब शुल्क हटने से अमेरिकी कपास भारतीय कपास से ₹15-20 प्रति किलो सस्ती हो जाएगी। नतीजा यह होगा कि भारतीय किसानों की उपज बिक नहीं पाएगी और मजबूरी में उन्हें आत्महत्या तक करनी पड़ सकती है।

कपास के दामों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “साल 2013 में किसानों को 20 किलो कपास के ₹1,500-1,700 मिलते थे। 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था कि यह रेट बहुत कम है और इसे ₹2,500 होना चाहिए। लेकिन आज हालत यह है कि किसानों को केवल ₹1,200 मिलते हैं, वह भी बड़ी मुश्किल से। जब अमेरिकी कपास आएगी, तो भारतीय किसान को बाजार में ₹900 से भी कम मिलेगा।”

अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने के संदर्भ में उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर केंद्र सरकार अमेरिका के सामने इतनी “बेबस” क्यों है?

उन्होंने केंद्र के सामने चार मांगें रखीं—

  1. कपास पर आयात शुल्क की छूट वापस ली जाए।
  2. किसानों को 20 किलो पर ₹2,100 का MSP मिले।
  3. केवल MSP घोषित करने से काम नहीं चलेगा, सरकार किसानों की उपज MSP पर खरीदे।
  4. खाद और बीज जैसे इनपुट महंगे हैं, इन्हें सस्ता करने के लिए सब्सिडी दी जाए।

केजरीवाल ने यह भी कहा कि जैसे किसानों पर संकट आया है, वैसे ही सूरत के हीरा उद्योग पर भी भारी असर पड़ा है। अमेरिका ने भारतीय हीरे पर 50% शुल्क लगा दिया है, जिसकी वजह से लाखों हीरा कामगार बेरोजगार हो गए हैं। उनके पास बच्चों की पढ़ाई की फीस तक चुकाने के पैसे नहीं बचे। इसके बावजूद भारत सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है और अमेरिका के सामने झुक रही है।

उन्होंने मांग की कि भारत को भी कनाडा, यूरोपीय संघ और मैक्सिको की तरह अमेरिका को करारा जवाब देना चाहिए और वहां से आने वाले सभी आयातित सामानों पर 75% शुल्क लगाना चाहिए।

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इसके बजाय मोदी सरकार ने दिसंबर 2025 तक कपास पर आयात शुल्क पूरी तरह हटा दिया है। उन्होंने कहा, “अमेरिका के राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप ने 50% शुल्क लगाया, लेकिन मोदीजी ने उसके जवाब में न केवल शुल्क नहीं बढ़ाया बल्कि पहले से लग रहे 11% शुल्क को भी खत्म कर दिया। आखिर हम कमजोर क्यों बन रहे हैं? भारत 140 करोड़ लोगों का देश है, दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। अमेरिकी कंपनियां यहां आकर अपने प्रोडक्ट बेचना चाहती हैं। पूरा देश मोदीजी के पीछे खड़ा है। जब उन्होंने हम पर 50% शुल्क लगाया, तो मोदीजी को 100% शुल्क लगाना चाहिए था। ट्रंप झुकने को मजबूर हो जाते। लेकिन हमारी सरकार अमेरिका के सामने कमजोर पड़ रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “आप साहस दिखाइए। पूरा देश आपके साथ है। अमेरिका ने हमारे निर्यात पर 50% शुल्क लगाया है। आप उनके आयात पर 75% शुल्क लगाइए। हम तैयार हैं, पूरा देश तैयार है।”

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