19 अप्रैल को, 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शुरू हो चुका है, जिसमें देश भर के 102 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करेंगे।
महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र
तमिलनाडु: 39 सीटों के साथ, तमिलनाडु एक निर्णायक क्षेत्र के रूप में उभरा है। उल्लेखनीय उम्मीदवारों में द्रमुक की के कनिमोझी थूथुक्कुडी से चुनाव लड़ रही हैं, और भाजपा की तमिलसाई सुंदरराजन चेन्नई दक्षिण से चुनाव लड़ रही हैं।
राजस्थान: 12 निर्वाचन क्षेत्रों वाले राजस्थान में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है, विशेषकर कृषि संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में।
उत्तर प्रदेश: आठ सीटें दांव पर हैं, जो एक जटिल राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाती हैं।
असम: पांच सीटों पर चुनाव के साथ, असम की चुनावी गतिशीलता सीएए और क्षेत्रीय गठबंधन जैसे कारकों से आकार ले रही है। डिब्रूगढ़ में सर्बानंद सोनोवाल (भाजपा) का मुकाबला लुरिनज्योति गोगोई (एजेपी) से है।
उत्तराखंड: भाजपा की नीतियों के लिए एक परीक्षण स्थल, उत्तराखंड की पांच सीटें शासन और पहचान के मुद्दों को उजागर करती हैं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत (भाजपा) हरिद्वार में प्रभारी हैं।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के पांच निर्वाचन क्षेत्रों में, विशेष रूप से विदर्भ क्षेत्र में, महत्वपूर्ण लड़ाई होती है। नितिन गडकरी की उम्मीदवारी राज्य में भाजपा के प्रयासों को रेखांकित करती है।
चुनावी परिदृश्य जटिल गतिशीलता को दर्शाता है:
तमिलनाडु का महत्व: तमिलनाडु में पीएम मोदी के केंद्रित प्रयास इसके रणनीतिक महत्व को दर्शाते हैं, जहां गठबंधन बदल रहे हैं और पार्टियां प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
राजस्थान की चुनौती: भाजपा के पिछले सफाए के बावजूद, राजस्थान कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ियों से एक मजबूत चुनौती पेश करता है।
उत्तर प्रदेश के जटिल गठबंधन: एसपी-कांग्रेस गठबंधन और पसमांदा मुस्लिम मतदाताओं तक भाजपा की पहुंच उत्तर प्रदेश की जटिल जाति और सांप्रदायिक गतिशीलता को रेखांकित करती है।
असम का सीएए फैक्टर: ऊपरी असम में मुकाबला सीएए की बहस से प्रभावित है, जिसमें कांग्रेस और क्षेत्रीय दल सीएए विरोधी भावनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
उत्तराखंड में बीजेपी का गढ़: बीजेपी का लक्ष्य अपने शासन मॉडल और पीएम मोदी की लोकप्रियता के आधार पर उत्तराखंड में अपना गढ़ बरकरार रखना है।
पूर्वोत्तर राज्य: मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और मेघालय में महत्वपूर्ण प्रतियोगिताएं देखी जा रही हैं, जो विविध क्षेत्रीय आकांक्षाओं और राजनीतिक भिन्नता को दर्शाती हैं।
केंद्र शासित प्रदेश: लक्षद्वीप और जम्मू-कश्मीर का उधमपुर दिलचस्प लड़ाइयों का गवाह है, जो राष्ट्रीय राजनीतिक आख्यानों के बीच स्थानीय गतिशीलता को दर्शाता है।
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