अहमदाबाद: क्रिसमस और नए साल के जश्न से ठीक पहले, गुजरात सरकार ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (GIFT) सिटी के कर्मचारियों और वहां आने वाले आगंतुकों (विजिटर्स) के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। इसे राज्य सरकार की ओर से एक ‘परफेक्ट न्यू ईयर गिफ्ट’ माना जा रहा है।
सरकार ने शनिवार को एक नई अधिसूचना जारी कर शराब निषेध के नियमों में और ढील दी है, जिससे अब गिफ्ट सिटी में आने वाले बाहरी लोगों, विशेषकर अन्य राज्यों और विदेशों से आने वाले मेहमानों के लिए शराब का सेवन करना आसान हो गया है।
‘बाहरी व्यक्तियों’ के लिए नियम हुए सरल
शनिवार को जारी की गई अधिसूचना की सबसे खास बात ‘बाहरी व्यक्तियों’ (External Persons) को औपचारिक रूप से शामिल करना है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ‘बाहरी व्यक्ति’ वह है जो गुजरात का निवासी नहीं है, और जिसके पास किसी अन्य राज्य का फोटो पहचान पत्र (ID) है या जो विदेशी नागरिक है।
दिसंबर 2023 में जब पहली बार नियमों में ढील दी गई थी, तब प्रक्रिया काफी सख्त थी। लेकिन अब एक बड़ा बदलाव करते हुए व्यवस्था को सरल बना दिया गया है। अब ऐसे आगंतुक बिना किसी ‘लिकर एक्सेस परमिट’ (Liquor Access Permit) की झंझट के, केवल अपना वैध फोटो आईडी कार्ड दिखाकर शराब का सेवन कर सकते हैं।
कर्मचारियों को भी मिली बड़ी राहत: 25 मेहमानों की मेजबानी की छूट
नई अधिसूचना गिफ्ट सिटी में काम करने वाले परमिट धारक कर्मचारियों के लिए भी राहत लेकर आई है। अब ‘लिकर एक्सेस परमिट’ रखने वाले कर्मचारी एक बार में अपने 25 मेहमानों की मेजबानी (होस्ट) कर सकते हैं। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि बिना परमिट वाले लोग भोजन के लिए ‘वाइन एंड डाइन’ (Wine and Dine) क्षेत्रों में बेरोकटोक जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, अब गिफ्ट सिटी के कर्मचारी केवल अपना आईडी कार्ड और फॉर्म A1 जमा करके लिकर एक्सेस परमिट प्राप्त कर सकते हैं। इस बदलाव के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, “पहले कर्मचारियों को परमिट के लिए अपनी कंपनी के एचआर (HR) से प्राधिकरण या मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। अब कोई भी कर्मचारी सीधे अपना परमिट ले सकता है और बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के 25 मेहमानों को होस्ट कर सकता है।”
इसके साथ ही, अब कंपनी को उस कर्मचारी के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाएगा जो अपना परमिट जमा किए बिना गिफ्ट सिटी छोड़ देता है।
होटल के कमरों और टेरेस पर भी मिल सकेगी सर्विस
नियमों में ढील का दायरा केवल प्रक्रियाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थानों तक भी बढ़ाया गया है। अब जिन होटलों और रेस्तरां के पास FL-III लाइसेंस है, वे अपने पूरे परिसर में शराब परोस सकते हैं। इसमें लॉन, पूल साइड एरिया, टेरेस और यहां तक कि निजी होटल के कमरे भी शामिल हैं। इससे पहले, शराब का सेवन केवल विशेष परमिट वाले कर्मचारियों के लिए निर्धारित ‘वाइन एंड डाइन’ जोन तक ही सीमित था।
वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में व्यावहारिक कदम
गिफ्ट सिटी के एमडी और ग्रुप सीईओ, संजय कौल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक व्यावहारिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह अधिसूचना गिफ्ट सिटी को एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और व्यावसायिक जिले के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। यह यहां काम करने वाले वैश्विक संस्थानों और पेशेवरों की परिचालन संबंधी जरूरतों को एक स्पष्ट और विनियमित ढांचे के भीतर पूरा करती है।”
कौल ने आगे कहा कि इसका उद्देश्य एक वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में गिफ्ट सिटी की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना में सभी प्रावधानों को नियंत्रित और जिम्मेदार तरीके से लागू किया जाए।
ओलंपिक 2036 और कॉमनवेल्थ गेम्स पर नजर
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि यह कदम राज्य की उस महत्वाकांक्षा के अनुरूप है, जिसके तहत गुजरात खुद को एक ग्लोबल फाइनेंशियल नर्व सेंटर के रूप में स्थापित करना चाहता है। साथ ही, यह कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2030) और 2036 के ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी की तैयारी का भी हिस्सा है।
हितधारकों का मानना है कि इन नई रियायतों से प्रमुख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फूड एंड बेवरेज ब्रांड्स गिफ्ट सिटी में अपना कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे कंपनियों को बेहतर टैलेंट आकर्षित करने में मदद मिलेगी और 2030 तक 1,00,000 कर्मचारियों के लक्ष्य को पूरा करने की राह आसान होगी।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में उत्साह
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (HRA), गुजरात के अध्यक्ष नरेंद्र सोमानी ने इसे गिफ्ट सिटी और गुजरात दोनों के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह ऐसे समय में हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सही संकेत है जब राज्य कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए खुद को तैयार कर रहा है।”
सोमानी ने पूरे राज्य में शराब कानूनों में नियंत्रित ढील की वकालत करते हुए कहा, “गिफ्ट सिटी से परे शराब की पहुंच का एक नपा-तुला और विनियमित विस्तार न केवल गुजरात को अंतरराष्ट्रीय उम्मीदों के अनुरूप लाएगा, बल्कि सरकार के लिए पर्याप्त राजस्व भी उत्पन्न करेगा। शराब का सेवन अंततः एक जीवन शैली का विकल्प है, और अनुभव बताता है कि पूर्ण प्रतिबंध अब प्रभावी नहीं हैं।”
ग्रुप परमिट की सुविधा और उम्र सीमा
सूत्रों ने यह भी बताया कि ढील के साथ-साथ गिफ्ट सिटी में ‘ग्रुप परमिट’ (सामूहिक परमिट) का ढांचा भी उपलब्ध है। विकास से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “कोई भी कंपनी यहां कार्यक्रम आयोजित कर सकती है और सभी मेहमानों के लिए ग्रुप परमिट का लाभ उठा सकती है। यह परमिट अधिकृत गिफ्ट सिटी अधिकारियों द्वारा जारी किया जाएगा।”
हालांकि, इन सब छूटों के बीच बुनियादी नियमों का पालन अनिवार्य होगा। शराब पीने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष ही रहेगी और शराब का सेवन गुजरात मद्यनिषेध अधिनियम (Gujarat Prohibition Act) के नियामक दायरे में ही जारी रहेगा।
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