कभी शांति और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखे जाने वाले गुजरात की छवि अब खतरे में पड़ती दिख रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में राज्य ने 232 सांप्रदायिक झड़पों का सामना किया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि राज्य में धार्मिक, जातीय और संसाधनों से जुड़े विवादों को लेकर तनाव लगातार बढ़ रहा है।
क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े?
NCRB की कानून-व्यवस्था पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2023 में गुजरात में कुल 232 झड़पें दर्ज की गईं। इनमें से 17 झड़पें पूरी तरह से धार्मिक मुद्दों पर आधारित सांप्रदायिक दंगे थे। पुलिस रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि इस दौरान दो समूहों के बीच टकराव की 21 घटनाएं हुईं।
चिंता की बात यह है कि विवादों की वजह सिर्फ धर्म या जाति तक सीमित नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पानी जैसे बुनियादी संसाधन को लेकर भी 3 बार टकराव की स्थिति बनी, जबकि जमीन और कृषि से जुड़े मामलों पर 7 बार विवाद हुए।
सामाजिक और व्यक्तिगत कारण भी बने हिंसा की वजह
रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि कस्बों और गांवों में व्यक्तिगत रिश्ते भी बड़े टकराव का कारण बन रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार:
- 72 मामले प्रेम-संबंधों या विवाह जैसे आपसी विवादों को लेकर हुए।
- 20 घटनाएं समुदायों या जातियों के बीच आपसी दुश्मनी के कारण हुईं।
- 2 मामले ऐसे थे जहां जाति-आधारित संघर्षों ने हिंसक रूप ले लिया।
- 5 मामलों में पैसे और संपत्ति से जुड़े विवादों ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया।
झड़पों के मुख्य कारण
| विवाद का प्रकार | घटनाओं की संख्या |
| आपसी रिश्ते (प्रेम/विवाह) | 72 |
| दो समूहों के बीच टकराव | 21 |
| आपसी दुश्मनी (समुदाय/जाति) | 20 |
| धार्मिक मुद्दे | 17 |
| जमीन और कृषि विवाद | 7 |
| पैसे और संपत्ति का विवाद | 5 |
| पानी को लेकर विवाद | 3 |
| जाति-आधारित संघर्ष | 2 |
यह रिपोर्ट दिखाती है कि गुजरात में सामाजिक ताना-बाना कई स्तरों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जहाँ धार्मिक मुद्दों से लेकर पानी और व्यक्तिगत संबंधों जैसे कारण भी बड़े पैमाने पर झड़पों को जन्म दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें-
अमेरिका में भारतीयों पर हमले बढ़े: एक हफ्ते में दो की हत्या से दहशत, सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल










