अहमदाबाद: गुजरात, जो अपनी शराबबंदी नीति के लिए जाना जाता है, अब पर्यटकों की सुविधा के लिए एक बड़ा तकनीकी कदम उठाने जा रहा है। राज्य सरकार जल्द ही एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की तैयारी में है, जिससे भारत और विदेशों से आने वाले पर्यटकों को शराब परमिट (Liquor Permit) पाने के लिए अब होटलों के काउंटर पर लंबी कतारों या जटिल कागजी कार्रवाई से नहीं जूझना पड़ेगा।
अधिकारियों के अनुसार, इस ऐप का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और इसे अगले कुछ हफ़्तों के भीतर लॉन्च कर दिया जाएगा। यह मोबाइल एप्लिकेशन पर्यटकों की सुविधा के लिए अंग्रेजी, हिंदी और गुजराती जैसी कई भाषाओं में उपलब्ध होगा।
कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?
यह नई डिजिटल व्यवस्था पर्यटकों को अपने फोन से ही आधार कार्ड जैसे पहचान पत्र अपलोड करने, UPI या कार्ड के माध्यम से भुगतान करने और तुरंत ऑनलाइन मंजूरी पाने की सुविधा देगी। एक बार सत्यापन (Verification) पूरा हो जाने पर, पर्यटक अधिकृत दुकानों से शराब की अनुमत मात्रा खरीद सकेंगे।
मौजूदा व्यवस्था काफी बोझिल है। वर्तमान में, पर्यटकों को चुनिंदा होटलों में स्थित शराब की दुकानों पर जाकर, फॉर्म भरने पड़ते हैं और भौतिक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं। इसके बाद होटल कर्मचारी इन कागजातों को सरकारी अधिकारियों के पास जमा करते हैं, जिसमें मंजूरी मिलने में काफी समय लगता है। यह नया ऐप इस पूरी नौकरशाही को एक ही टैप में खत्म कर देगा।
UPI और कार्ड से होगा भुगतान
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “नई प्रणाली के तहत आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट सहित लगभग 10 तरह के दस्तावेज़ों को ऑनलाइन अपलोड करके सत्यापित किया जा सकेगा। पर्यटक मौजूदा नकद या चालान पद्धति की जगह UPI या कार्ड से भुगतान कर पाएंगे। सत्यापन पूरा होते ही परमिट तुरंत जेनरेट हो जाएगा।”
अधिकारी ने यह भी जोड़ा कि यह कदम उन पर्यटकों से मिले फीडबैक के आधार पर उठाया गया है, जिन्हें मौजूदा प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली लगती थी।
गिफ्ट सिटी के लिए भी बदलेगा नियम
सरकार इस ऐप-आधारित प्रणाली में गिफ्ट सिटी (GIFT City) को भी एकीकृत करने जा रही है। वर्तमान में, वैध स्वास्थ्य परमिट रखने वाले गुजरात के निवासियों को भी फाइनेंशियल हब (GIFT City) में शराब खरीदने के लिए कर्मचारियों या नियोक्ताओं से अतिरिक्त प्राधिकरण (Authorisation) की आवश्यकता होती है। सूत्रों के मुताबिक, नई डिजिटल प्रणाली इस अतिरिक्त कदम को भी समाप्त कर देगी।
अधिकारी ने स्पष्ट किया, “चूंकि स्वास्थ्य परमिट धारक पहले से ही सत्यापित होते हैं, इसलिए ऐप के सक्रिय होने के बाद उन्हें अलग से मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इससे प्रक्रिया बहुत सरल और तेज हो जाएगी।”
इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह नया ऐप राज्य की सख्त शराब परमिट प्रक्रिया को आधुनिक बनाएगा और गुजरात के शराबबंदी कानून के साथ-साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों की सुविधा के बीच एक बेहतर संतुलन स्थापित करेगा।
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