गांधीनगर: गुजरात सरकार ने राज्य के 17 नगर निगमों और 149 नगरपालिकाओं की सीमा में खराब सड़कों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किए हैं और जुर्माना भी लगाया है। यह कार्रवाई वडोदरा के गंभीर पुल हादसे (9 जुलाई) में 20 लोगों की मौत के बाद उपजे जन आक्रोश के बीच की गई है।
स्थानीय निकाय चुनावों के पहले सरकार सक्रिय हुई है। डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड (DLP) के तहत 25 से अधिक ठेकेदारों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनसे 17 नगर निगमों में 659 किमी लंबी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह राज्य में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ठेकेदारों के खिलाफ सड़क खराब होने को लेकर अभियान चलाया गया है। साथ ही, नगर निकायों के अभियंताओं को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
शहरी विकास एवं शहरी आवास विभाग के प्रधान सचिव एम. थेन्नारासन ने कहा, “मरम्मत कार्य की निगरानी राज्य स्तर पर प्रतिदिन की जा रही है। नगर निगमों व पालिकाओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षतिग्रस्त सड़कों को तुरंत दुरुस्त करें। जहां भी लापरवाही मिलेगी, जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
सूरत: 9 ठेकेदारों पर ₹50.42 लाख जुर्माना, 4,000 टन बिटुमिन का इस्तेमाल
सूरत नगर निगम (SMC) ने DLP के तहत सड़कों में गड्ढे व क्षति पाए जाने पर 9 ठेकेदारों को ₹50.42 लाख का जुर्माना लगाया। नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल के अनुसार, बीते 5 दिनों से सूरत के सभी 9 जोनों में सड़क मरम्मत अभियान चलाया जा रहा है। निगम के दो हॉट मिक्स प्लांट 24×7 काम कर रहे हैं। अब तक 270 से अधिक सड़कों की मरम्मत हुई है, जिसमें 4,000 टन से अधिक बिटुमिन का इस्तेमाल हुआ है।
वडोदरा: इंजीनियरों पर गिरी गाज
वडोदरा में 12 ठेकेदारों को नोटिस जारी कर ₹18 लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, नगर निगम के 9 डिप्टी इंजीनियरों को शो-कॉज नोटिस दिया गया है। नगर आयुक्त अरुण महेश बाबू ने बताया कि 3,300 में से 3,000 गड्ढे भर दिए गए हैं। 38.42 किमी में से 37.48 किमी सड़क की मरम्मत हो चुकी है। 18 किमी में बिटुमिन पैचवर्क भी पूरा हो गया है। इंजीनियरों से जवाब तलब किया गया है और यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अहमदाबाद, जूनागढ़ समेत अन्य शहरों में भी कार्रवाई
- अहमदाबाद में इस मानसून के दौरान 7,200 से अधिक गड्ढों की मरम्मत की गई है। यहां भी तीन इंजीनियरों और दो ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई।
- जूनागढ़ में तीन ठेकेदारों को नोटिस जारी हुए हैं और दो अन्य पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
शहरी विकास विभाग ने बताया कि पुराने आठ नगर निगमों — अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, गांधीनगर, भावनगर, जामनगर और जूनागढ़ — में 312 किमी में से 310.68 किमी जर्जर सड़कों की मरम्मत पूरी हो चुकी है। 55.86 किमी में डामर पैचवर्क भी पूरा हो गया है। 15,123 में से 15,004 गड्ढे भरे जा चुके हैं और 15,985 में से 14,633 शिकायतों का निस्तारण हो गया है।
नए नगर निगमों में भी तेज़ रफ्तार से मरम्मत
नए नौ नगर निगमों — मेहसाणा, नडियाद, आनंद, नवसारी, व्यारा, सुरेन्द्रनगर, मोरबी, गांधीधाम और पोरबंदर — में लगभग 347 किमी में से 266 किमी सड़क मरम्मत हो चुकी है। 10 किमी में डामर पैचवर्क पूरा हुआ है। यहां 1,709 में से 1,661 गड्ढे भरे गए हैं, और 676 में से 649 शिकायतों का समाधान हो चुका है।
छह रीजनल कमिश्नर जोन में भी काम जारी
भावनगर, गांधीनगर, वडोदरा, सूरत, राजकोट और अहमदाबाद रीजन में कुल 2,951 गड्ढों में से 1,878 की मरम्मत हो चुकी है। 834 शिकायतों में से 818 का समाधान किया गया है।
1,800 पुलों की जांच, 133 बंद; गंभीर पुल के पास बनेगा नया ब्रिज
राज्य के सड़क और भवन विभाग ने एक सप्ताह में 1,800 से अधिक पुलों का निरीक्षण किया, जिनमें से 133 को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया। इनमें 20 पुल सभी वाहनों के लिए और 113 पुल भारी वाहनों के लिए बंद किए गए हैं। इन सभी पर नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्ट (NDT) के बाद जरूरी मरम्मत, मजबूतीकरण या पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
इनमें से 9 पुल नर्मदा नहर नेटवर्क पर हैं — मोरबी और सुरेन्द्रनगर में 5 पूरी तरह बंद हैं, जबकि अहमदाबाद और पाटण में 4 पुल भारी वाहनों के लिए बंद किए गए हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नर्मदा नहर नेटवर्क में कुल 2,110 पुल हैं।
गंभीर पुल हादसे के बाद ₹212 करोड़ की लागत से नया पुल बनेगा
सरकार के प्रवक्ता व वरिष्ठ मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश पर वडोदरा में गंभीर पुल के पास नया ब्रिज बनाने के लिए ₹212 करोड़ की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा, “सामान्यतः ऐसे पुल को बनने में 18 महीने लगते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि यह कार्य अगले मानसून से पहले — यानी 12 महीनों में — पूरा हो। अगले तीन महीनों में निर्माण कार्य शुरू होगा।”
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