वाशिंगटन/नई दिल्ली: भारत में अमेरिकी वीजा इंटरव्यू के बड़े पैमाने पर री-शेड्यूल होने के बीच, अमेरिका में रह रहे कई भारतीय पेशेवरों को एक नई चिंता ने घेर लिया है। H-1B और H-4 वीजा धारकों को कथित तौर पर अमेरिकी वाणिज्य दूतावास (Consulate) से ईमेल प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें सूचित किया जा रहा है कि उनके वीजा को “प्रूडेंशियली रिवोक” (Prudentially Revoked) कर दिया गया है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिका ने आवेदकों की सोशल मीडिया जांच (Social Media Scrutiny) को सख्त करने की योजना बनाई है, जो पहले केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लागू थी।
क्या है ‘प्रूडेंशियल रिवोकेशन’? घबराने की जरूरत नहीं
इमिग्रेशन कानून फर्म Reddy Neumann Brown PC के अनुसार, “प्रूडेंशियल वीजा रिवोकेशन” विदेश विभाग (DOS) द्वारा उठाया गया एक अस्थायी और एहतियाती कदम है। इसका मतलब वीजा का स्थायी रूप से खारिज होना नहीं है। यह कदम ‘प्रूडेंस’ यानी सावधानी के तौर पर उठाया जाता है। ऐसा तब किया जाता है जब सरकार को संदेह होता है कि वीजा धारक की पात्रता (Eligibility) को लेकर कोई मुद्दा हो सकता है, लेकिन वह मुद्दा अभी पूरी तरह से स्पष्ट या निर्धारित नहीं हुआ है।
विशेषज्ञों की राय: पुराने मामलों की दोबारा हो रही जांच
ह्यूस्टन स्थित इमिग्रेशन अटॉर्नी एमिली न्यूमैन (Emily Neumann) ने बताया कि H-1B और H-4 धारकों के लिए इस तरह के रिवोकेशन के मामले बढ़ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि यह उन मामलों में भी हो रहा है जहां आवेदकों का कानून प्रवर्तन (Law Enforcement) के साथ पुराना कोई मामला रहा हो, भले ही उन्हें दोषी न ठहराया गया हो।
एमिली न्यूमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी राय रखते हुए कहा, “इनमें से कई घटनाएं पहले ही डिस्क्लोज़ की जा चुकी थीं और पिछले वीजा स्टैम्पिंग के दौरान उन्हें क्लियर भी कर दिया गया था। इस रिवोकेशन का अमेरिका में आपके वैध प्रवास (Lawful Stay) पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन इसका मतलब यह है कि आपके अगले वीजा अपॉइंटमेंट के दौरान उस मुद्दे की दोबारा जांच की जाएगी।”
उन्होंने सरकारी संसाधनों के उपयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसी घटना की पहले ही जांच हो चुकी है, तो उसे दोबारा खोलना समझ से परे है। न्यूमैन ने अमेरिकी विदेश विभाग का एक पुराना पोस्ट भी साझा किया, जिसमें कहा गया था कि वीजा स्क्रीनिंग एक सतत प्रक्रिया है।
अमेरिका में रहने वालों पर इसका क्या असर होगा?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति प्रूडेंशियल वीजा रिवोकेशन के समय अमेरिका में मौजूद है, तो उसके वहां रहने के कानूनी दर्जे (Legal Status) पर कोई आंच नहीं आएगी। वह अपने वीजा की समय सीमा समाप्त होने तक वहां रह सकता है।
हालाँकि, कानून फर्म ने स्पष्ट किया है कि “इसका उद्देश्य सुरक्षित रहना है।” सरकार वीजा को एहतियातन रद्द करके यह सुनिश्चित करती है कि व्यक्ति उस वीजा का उपयोग करके दोबारा अमेरिका में प्रवेश न कर सके जब तक कि संबंधित मुद्दा सुलझ न जाए।
सरल शब्दों में, यदि आपका वीजा ‘प्रूडेंशियली रिवोक’ हुआ है और आप अमेरिका में हैं, तो आप सुरक्षित हैं। लेकिन, अगर आप अमेरिका से बाहर यात्रा करते हैं, तो आप उसी वीजा पर वापस नहीं लौट सकते, भले ही उसकी एक्सपायरी डेट बाकी हो। पुराना स्टैम्प अमान्य माना जाएगा और आपको नए सिरे से जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा।
सोशल मीडिया स्क्रीनिंग का विस्तार
यह विकास विदेश विभाग द्वारा उस घोषणा के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि वह H-1B आवेदकों और उनके आश्रितों (Dependent Visas) की भी सोशल मीडिया स्क्रीनिंग शुरू करेगा। इसके तहत ऑनलाइन प्रोफाइल की समीक्षा का दायरा बढ़ाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत इस साल के शुरू में छात्र वीजा धारकों के साथ की गई थी।
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