अमेरिका में एक 21 वर्षीय भारतीय छात्र, ध्रुव राजेशभाई मांगुकिया को मनी लॉन्ड्रिंग और बुजुर्गों के साथ धोखाधड़ी करने के गंभीर आरोपों में कड़ी सजा सुनाई गई है। अदालत ने उसे 97 महीने की कैद के साथ-साथ 2,515,780 डॉलर (बड़ी रकम) का हर्जाना (restitution) भरने का आदेश दिया है। ध्रुव अपने साथियों के साथ मिलकर बुजुर्ग अमेरिकी नागरिकों को एक सुनियोजित साजिश के तहत अपना शिकार बनाता था।
इस मामले में ध्रुव के सह-साजिशकर्ता, किशन राजेशकुमार पटेल को इसी साल जून में 63 महीने की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। दोनों ही आरोपियों ने धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी।
सरकारी अधिकारी बनकर डराते थे
मांगुकिया और पटेल का काम करने का तरीका बेहद शातिर था। वे बुजुर्गों को फोन करते और खुद को सरकारी अधिकारी बताते थे। वे पीड़ितों को यह कहकर डराते थे कि किसी जांच को सुलझाने या भारी आर्थिक नुकसान से बचने के लिए उन्हें तत्काल नकद, सोना या अन्य कीमती सामान जमा करना होगा।
एक बार जब पीड़ित उनके जाल में फंस जाता, तो एक कूरियर (संदेशवाहक) पीड़ित के घर या किसी स्थानीय बिजनेस की पार्किंग में जाकर वह ‘डिपॉजिट’ (नकदी या सोना) कलेक्ट कर लेता था।
‘अमेजन फ्रॉड डिपार्टमेंट’ के नाम पर ठगी
कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, एक अन्य घटना में इन जालसाजों ने एक बुजुर्ग महिला को फोन किया और दावा किया कि वे ‘अमेजन फ्रॉड डिपार्टमेंट’ से बोल रहे हैं। उन्होंने महिला को बताया कि उसका सोशल सिक्योरिटी नंबर चोरी हो गया है और उसके नाम पर कई फर्जी बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है।
महिला को विश्वास में लेकर कहा गया कि इस ‘घोटाले’ से अपना नाम हटाने और खुद को निर्दोष साबित करने के लिए उसे 30,000 डॉलर का भुगतान करना होगा।
‘हंटर’ और ‘मास्टर’ के लिए करते थे काम
इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब किशन पटेल को गिरफ्तार किया गया। उसके फोन की तलाशी लेने पर पटेल और मांगुकिया के बीच बातचीत के मैसेज मिले। इसके अलावा, चैट में “हंटर” (Hunter) और “मास्टर” (Master) नाम के दो अन्य व्यक्तियों का भी जिक्र था।
इन सुरागों के आधार पर कार्रवाई करते हुए, 5 दिसंबर, 2024 को न्यू जर्सी स्थित आवास से ध्रुव मांगुकिया को गिरफ्तार किया गया। सर्च वारंट के तहत की गई छापेमारी में एजेंटों को उसके पास से नकली पहचान दस्तावेज (Fake IDs) छापने वाला एक प्रिंटर और 73,422.96 डॉलर नकद बरामद हुए।
सिर्फ 2% कमीशन के लिए किया गुनाह
न्याय विभाग के दस्तावेजों के अनुसार, मांगुकिया ने स्वीकार किया कि वह इस धोखाधड़ी से प्राप्त कुल रकम का 2% हिस्सा रखता था। उसने यह भी माना कि उसी ने पटेल को कूरियर के रूप में काम करने के लिए भर्ती किया था और वे दोनों ‘हंटर’ और ‘मास्टर’ के निर्देशों पर काम कर रहे थे।
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