नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण (Extradition) को लेकर एक बड़ी सफलता मिली है। बेल्जियम की एक अदालत ने चोकसी को भारत भेजने की मंजूरी दे दी है। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है और उस पर लगे आरोप “इतने गंभीर हैं कि यह कदम उचित है।”
अदालती आदेश के अनुसार, मेहुल चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, बल्कि एक विदेशी नागरिक है।
बेल्जियम में भी अपराध हैं चोकसी के कारनामे
अदालत ने कहा कि भारत द्वारा उल्लिखित अपराध—जिनमें धोखाधड़ी, जालसाजी, दस्तावेजी हेरफेर और भ्रष्टाचार शामिल हैं—बेल्जियम के कानून के तहत भी अपराध माने जाते हैं।
भारत में ये मामले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 120B, 409, 420, और 477A के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत दर्ज हैं। इन सभी अपराधों में एक साल से अधिक की कैद का प्रावधान है।
हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि भारत द्वारा लगाया गया एक आरोप—सबूत नष्ट करना (IPC धारा 201)—बेल्जियम के कानून के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए, इस विशिष्ट आरोप के आधार पर प्रत्यर्पण की अनुमति नहीं दी जा सकती।
अदालत ने चोकसी की सभी दलीलें खारिज कीं
चोकसी ने अपनी बचाव में दलील दी थी कि उसे एंटीगुआ से कथित तौर पर अगवा किया गया था और उसे भारत में राजनीतिक उत्पीड़न के साथ-साथ अमानवीय व्यवहार का खतरा है। बेल्जियम की अदालत ने इन सभी दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके समर्थन में “कोई ठोस सबूत” पेश नहीं किए गए।
चोकसी ने भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी सवाल उठाए थे और कहा था कि मीडिया कवरेज के कारण उसे निष्पक्ष सुनवाई (Fair Trial) नहीं मिलेगी। अदालत ने इन आशंकाओं को भी निराधार बताया। अदालत ने माना कि एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में जनता और मीडिया की रुचि होना स्वाभाविक है और इससे चोकसी के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन नहीं होता।
आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रहेगा चोकसी
भारत सरकार द्वारा प्रदान किए गए विवरणों का उल्लेख करते हुए, अदालत ने कहा कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। यह बैरक 46 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें दो सेल और एक निजी शौचालय की सुविधा शामिल है।
भारत ने यह भी आश्वासन दिया है कि चोकसी को केवल मेडिकल जरूरतों या अदालत में पेशी के लिए ही जेल परिसर से बाहर निकाला जाएगा।
15 दिनों के भीतर अपील का अधिकार
65 वर्षीय मेहुल चोकसी 2 जनवरी, 2018 को भारत से फरार हो गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,850 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में उसकी तलाश है। इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में उसका भतीजा नीरव मोदी भी शामिल था।
भले ही अदालत ने शुक्रवार को चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी हो, लेकिन उसके पास अभी भी ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प है। चोकसी अगले 15 दिनों के भीतर इस आदेश के खिलाफ बेल्जियम सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकता है।
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