शिंजो आबे की ऐतिहासिक गुजरात यात्रा की यादें

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शिंजो आबे की ऐतिहासिक गुजरात यात्रा की यादें

| Updated: July 9, 2022 12:22

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित शिंजो आबे को गुजरात और भारत में एक वैश्विक नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने यहां के लोगों के साथ घनिष्ठ, व्यक्तिगत संबंध बनाए।

आबे की अहमदाबाद (गुजरात) की पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष को “निजी मित्र” कहा था। तभी आबे भारतीय रंगों में रंग गए थे।

वह तारीख 13 सितंबर, 2017 की थी। अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद आबे कुर्ता-पायजामा और ‘मोदी-जैकेट’ में निकले। महात्मा गांधी के आश्रम, साबरमती आश्रम तक जाने वाले ऐतिहासिक रोड शो की शुरुआत से पहले उनकी पत्नी अकी ने एक भारतीय पोशाक पहन ली थी। मेहमान दंपती का स्वागत ठीक गणतंत्र दिवस समारोह वाली शैली में किया गया, जिसमें

भारत की सांस्कृतिक विरासत की प्रदर्शनी दिखाई गई।

व्यापार शुरू करने और द्विपक्षीय हितों के बारे में बात करने से पहले, आबे ने साबरमती आश्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहां आगंतुक डायरी में उन्होंने एक संक्षिप्त लेकिन स्थायी संदेश लिखा: “प्रेम।”

उस यात्रा के दौरान, 12वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में कई व्यापारिक संबंधों पर हस्ताक्षर किए गए। इनके अलावा, आबे अहमदाबाद और मुंबई के बीच ‘बुलेट ट्रेन’ परियोजना की आधारशिला रखने में मोदी के साथ शामिल हुए। सॉफ्ट लोन के साथ जापान हाई स्पीड रेल नेटवर्क विकसित करने में भारत का समर्थन कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनके जापानी समकक्ष ने भारत के साथ तालमेल बिठाया था, और यह “हमारी समझ और विश्वास की गहराई को दर्शाता है, जो हमारे पास एक-दूसरे के साथ है।”

दूसरी ओर, जापान-भारत संबंधों के लिए एक नए युग का आरंभ करते हुए आबे ने कहा था, “हम भारत-प्रशांत क्षेत्र और पूरी दुनिया के लिए शांति और समृद्धि की खातिर जापान-भारत विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूती से बढ़ावा देंगे।”

आबे के शब्द हर भारतीय के मन में गूंजते रहेंगे, क्योंकि उन्होंने जापान और भारत के लिए एक अनूठा शब्द गढ़ा- जय। बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत के बाद आबे ने कहा था, “यदि आप जापान से पहले दो अक्षर लेते हैं, जेए, और पहला भारत से, तो मुझे जेएआई मिलता है। तो, यह जय इंडिया, जय जापान है।”

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