मुद्रा पोर्ट ड्रग्स मामले में एनआईए की देशभर में छापेमारी ,अहम जानकारी लगी हाथ -

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मुद्रा पोर्ट ड्रग्स मामले में एनआईए की देशभर में छापेमारी ,अहम जानकारी लगी हाथ

| Updated: August 25, 2022 10:47

अक्टूबर 2021 में मुंद्रा बंदरगाह Mundra Port से 2988 किलोग्राम हेरोइन पकड़े जाने के बाद एनआईए NIA ने दिल्ली सहित कई स्थानों पर छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण Incriminating documents and digital devices जब्त किए। जब्त की गई दवाओं का मौद्रिक मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में 21000 करोड़ रु. रुपये से अधिक पाया गया तो मुंद्रा ड्रग केस को जल्द ही एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने दिल्ली के अलावा कोलकाता, पंजाब, तमिलनाडु और गुजरात समेत 10 जगहों पर छापेमारी की गई.

दिल्ली के सम्राट होटल के प्लेबॉय क्लब से (Playboy Club of Samrat Hotel, Delhi )डिजिटल उपकरण जब्त किये गए । जब कंटेनर बिल पर एक पंजाबी व्यक्ति का नाम सामने आया तो एनआईए की टीम ने सूरत के पांडेसरा हाऊसिंग बोर्ड में एक पंजाबी व्यक्ति से पूंछतांछ की जो बैंक कर्ज वसूली एजेंसी चला रहा है।

मुंद्रा बंदरगाह के माध्यम से ड्रग्स की आपूर्ति का पता तब चला जब डीआरआई ने 13 सितंबर 2021 को दो कंटेनरजब्त किये । जांच में यह पाया गया कि हेरोइन को बड़े बैग बैग में टेल्क पत्थरों के साथ रखा गया था। डीआरआई ने एम सुधाकर और दुर्गा वैशाली के नाम से एक दंपति को गिरफ्तार किया था। विजयवाड़ा से उनकी फर्म आशी ट्रेडिंग ने टॉक कंसाइनमेंट का आयात किया था।

जांच के दौरान यह भी पता चला है कि अफगान ड्रग माफिया हुसैन शाह दो बार पाकिस्तानी वीजा पर भारत आया था। उसके पास पाकिस्तानी सिम भी था। ड्रग्स की आय से भारत से 76.5 करोड़ रुपये हवाला लेनदेन के जरिए आतंकी गतिविधियों को फंड करने के लिए विदेश भेजे गए थे।

एनआईए स्थापित कर सकती है कि अफगान नागरिकों अब्दुल हमीद, ने रु। 2.48 करोड़ ,पहलवान नजीबुल्लाह ने 6. 43 लाख और अब्दुल सलाम ने रु 74 0415214 हसन हुसैन लिमिटेड के बैंक खातों में भेजे थे । यूपी के गाजियाबाद के अभय प्रताप सिंह और दिल्ली के चांदनी चौक से किशन प्रजापति ने भी रुपये का लेनदेन किया था। अफगान बैंकों के तथा हवाला के माध्यम से 80 लाखरुपये का लेनदेन किया था।

अधिक चौंकाने वाले खुलासे यह थे कि वर्तमान खेप को पकड़ने से पहले, 24000 किलो की एक खेप ने उसी तरीके का उपयोग करते हुए पहले बंदरगाह के माध्यम से सफलतापूर्वक अपना रास्ता बना लिया था। एनसीटीएस (नेशनल कंटेनर ट्रैकिंग सिस्टम) के बावजूद, पोर्ट अब्बास, ईरान से शुरू होने पर कार्गो को लाल झंडी दिखाकर, खेप बंदरगाह सुरक्षा से गुजर सकती थी। इससे पहले 2020 और 2021 में भी इस तरह की बड़ी खेप आई थी, इसका खुलासा हुआ।

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