नई दिल्ली: भारत के प्रमुख पॉलिसी थिंक टैंक, नीति आयोग (NITI Aayog) ने गुजरात सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। आयोग का कहना है कि राज्य को अगर सेवा क्षेत्र (Service Sector) को रोजगार का एक प्रमुख प्रदाता बनाना है, तो उसे कौशल विकास (Skill Development) पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित करने की सख़्त ज़रूरत है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में पर्यटन (Tourism), मनोरंजन (Entertainment) और हॉस्पिटैलिटी (आतिथ्य) जैसे सेवा क्षेत्रों को विशेष रूप से बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को इन क्षेत्रों के विकास के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।
यह जानकारी नीति आयोग की “इंडिया’ज सर्विस सेक्टर: इनसाइट्स फ्रॉम GVA-एम्प्लॉयमेंट ट्रेंड्स एंड स्टेट लेवल डायनेमिक्स” नामक रिपोर्ट से सामने आई है।
गुजरात 12वें स्थान पर, दिल्ली अव्वल
रिपोर्ट के आँकड़े बताते हैं कि गुजरात का सेवा क्षेत्र राज्य के कुल रोजगार में 28% का योगदान देता है। इस सेक्टर में एक करोड़ से अधिक गुजराती काम करते हैं। हालांकि, इस महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, गुजरात इस क्षेत्र में नौकरियां देने के मामले में प्रमुख राज्यों में 12वें स्थान पर है।
तुलनात्मक रूप से देखें तो, दिल्ली इस सूची में सबसे आगे है, जहाँ कुल नौकरियों का 71% हिस्सा सेवा क्षेत्र से आता है। वहीं गुजरात में, गांवों में रहने वाले 14% लोग और शहरों में रहने वाले 53% लोग सेवा क्षेत्र में कार्यरत हैं।
कृषि पर निर्भरता ज्यादा
राज्य की अर्थव्यवस्था में एक दिलचस्प विरोधाभास देखने को मिलता है। प्राथमिक क्षेत्र (मुख्य रूप से कृषि) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान केवल 15.7% है, लेकिन यह रोजगार देने में सबसे आगे है और 42.4% लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
इसकी तुलना में, सेवा क्षेत्र का GDP में 36% का बड़ा योगदान है, लेकिन यह केवल 28.2% रोजगार ही पैदा करता है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि होलसेल-रिटेल, ट्रांसपोर्ट, होटल और रेस्टोरेंट जैसे कुछ सेवा क्षेत्रों में रोजगार की हिस्सेदारी घटी है।
महिलाओं की भागीदारी और सर्वे का आधार
लैंगिक आधार पर आँकड़े देखें तो, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोगों में से 20% से भी कम महिलाएं सेवा क्षेत्र में हैं, जबकि पुरुषों का यह आँकड़ा 32.7% से अधिक है। नीति आयोग ने ये सभी आंकड़े आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey) 2023-24 के आधार पर जारी किए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर, देश में ग्रामीण महिलाओं की सेवा क्षेत्र में भागीदारी केवल 10.5% है। इसके विपरीत, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी 60% से अधिक है, लेकिन उन्हें पुरुषों के मुकाबले लगभग 84% वेतन ही मिल पाता है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि राज्य के सेवा क्षेत्र में कुल 8% लोग शिक्षा के माध्यम से रोजगार प्राप्त करते हैं। गुजरात में, कुल सेवा क्षेत्र के 35% कर्मचारी थोक (Wholesale) और खुदरा (Retail) व्यापार क्षेत्र में कार्यरत हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि राज्य की कुल GDP में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 32.9% है।
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