नई दिल्ली/पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने शीर्ष नेतृत्व में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए रविवार को बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री और पांच बार के विधायक नितिन नवीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा संसदीय बोर्ड का यह फैसला पार्टी के भीतर एक ‘पीढ़ीगत बदलाव’ का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
वर्तमान में जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जनवरी में नड्डा के उत्तराधिकारी के रूप में नितिन नवीन के नाम पर मुहर लग सकती है। इस नियुक्ति को भाजपा की आगामी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में औपचारिक रूप से अनुमोदित किया जाएगा।
सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष और बिहार का गौरव
45 वर्षीय नितिन नवीन इस पद को संभालने वाले अब तक के सबसे युवा नेता हैं। यदि वे जनवरी में पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो वे भाजपा के इतिहास में सबसे कम उम्र के अध्यक्ष होने के साथ-साथ बिहार से इस पद पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति भी होंगे। उनके कंधों पर अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी होगी।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत और अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद जेपी नड्डा को भी इसी तरह पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और बाद में 2020 की शुरुआत में उन्होंने पूर्ण अध्यक्ष का पद संभाला था। नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 तक था, जिसे 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए बढ़ाया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई उम्मीद
नितिन नवीन की नियुक्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा, “श्री नितिन नवीन जी ने एक मेहनती कार्यकर्ता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे संगठनात्मक अनुभव से समृद्ध एक युवा और परिश्रमी नेता हैं। विधायक और बिहार सरकार में मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल प्रभावशाली रहा है। वे अपने विनम्र स्वभाव और जमीन से जुड़े रहकर काम करने की शैली के लिए जाने जाते हैं। मुझे विश्वास है कि उनकी ऊर्जा और समर्पण आने वाले समय में हमारी पार्टी को और मजबूत करेगा।”
गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा ने भी इस नियुक्ति का स्वागत किया है। अमित शाह ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि पांच बार के विधायक और राज्य मंत्री के रूप में नवीन के पास जनता के बीच काम करने का व्यापक अनुभव है।
दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व का आभार
सोमवार को पार्टी के दिल्ली मुख्यालय में मौजूद रहने वाले नितिन नवीन ने उन पर “भरोसा जताने” के लिए पीएम मोदी और नड्डा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमित शाह की “राजनीतिक सूझबूझ” से बहुत कुछ सीखा है और “अभिभावक के रूप में निरंतर मार्गदर्शन” के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया।
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नवीन ने कहा, “मैं बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी संगठन को मजबूत करने में अपना पूरा योगदान दूंगा। शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में हम बिहार और देश भर में भाजपा को आगे बढ़ाएंगे।”
संगठन और सरकार में अनुभव का संगम
दिवंगत विधायक नवीन किशोर सिन्हा के पुत्र नितिन नवीन कायस्थ समुदाय से आते हैं, जिसे राजनीतिक रूप से एक तटस्थ जाति माना जाता है। एक केंद्रीय मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “वे एक ऐसे परिवार से हैं जो पारंपरिक रूप से पार्टी के साथ रहा है। वे युवा हैं और उन्होंने एक बेहतरीन प्रशासक और संगठनकर्ता के रूप में खुद को साबित किया है। उनकी जमीनी पकड़ बहुत मजबूत है। यह दिखाता है कि भाजपा संगठन में पीढ़ीगत बदलाव की ओर बढ़ रही है।”
पार्टी नेताओं के अनुसार, 2010 से बांकीपुर से विधायक और 2021 में पहली बार कैबिनेट मंत्री बने नवीन को पीएम मोदी और अमित शाह दोनों का विश्वास प्राप्त है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी चाहता था कि पार्टी किसी युवा चेहरे को आगे बढ़ाए, और नवीन संघ के लिए भी एक स्वीकार्य विकल्प हैं।
छत्तीसगढ़ जीत ने बदली तस्वीर
सूत्रों का कहना है कि नवीन की संगठनात्मक क्षमता बहुत पहले ही नजर आने लगी थी। युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में यात्राएं आयोजित की थीं। सिक्किम जैसे राज्य में, जहां पार्टी की उपस्थिति न के बराबर थी, वहां उन्होंने भाजपा को दृश्यमान बनाया और पार्टी ने चुनाव जीतना शुरू किया।
हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व का असली ध्यान उनकी ओर 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के बाद गया, जहां वे राज्य के प्रभारी थे और पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा के लोकसभा मुख्य सचेतक और पश्चिम चंपारण से सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “यह बिहार के लिए गर्व का क्षण है। नवीन ने छत्तीसगढ़ में पार्टी को शानदार जीत दिलाने में मदद की और इस बार बिहार में चुनाव अभियान का बेहतरीन प्रबंधन किया।”
राजनीतिक सफर: छात्र राजनीति से राष्ट्रीय पटल तक
नितिन नवीन ने अपनी राजनीतिक यात्रा कॉलेज के दिनों में संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू की थी। जब वे 25 वर्ष के थे, तब उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा (जो 1995 से लगातार चार बार पटना पश्चिम से विधायक रहे) का आकस्मिक निधन हो गया। इसके बाद, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई छोड़कर नवीन ने उपचुनाव में पटना पश्चिम सीट जीती। 2008 में परिसीमन के बाद वे बांकीपुर सीट से चुनाव लड़ने लगे और 2010 से लगातार वहां से जीत रहे हैं।
वर्तमान में वे नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण और नगर विकास एवं आवास मंत्री हैं। इससे पहले वे विधि एवं न्याय विभाग भी संभाल चुके हैं।
सहयोगियों की बधाइयां
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट सहयोगी को बधाई देते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि “बिहार का एक निवासी भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।” उन्होंने नवीन को एक “समर्पित और अनुशासित राजनेता” बताया।
वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपका संगठनात्मक अनुभव और कार्यकुशलता पार्टी में नई ऊर्जा का संचार करेगी और कार्यकर्ताओं को मजबूत करेगी।”
वरिष्ठ भाजपा नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने इसे नेतृत्व का एक “साहसिक कदम” बताते हुए कहा कि यह एक विनम्र कार्यकर्ता के शीर्ष तक पहुंचने की क्षमता का सम्मान है।
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