प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के राज्यों से आह्वान किया कि वे सुधारों, सुशासन और विकासोन्मुख नीतियों में आपस में प्रतिस्पर्धा करें।
प्रधानमंत्री ने हंसलपुर स्थित कंपनी के मोटर प्लांट से “e-VITARA” — सुजुकी का पहला वैश्विक रणनीतिक बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) को हरी झंडी दिखाई। इसी अवसर पर उन्होंने भारत की बैटरी इकोसिस्टम के अगले चरण की शुरुआत भी की। यहां लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड्स का स्थानीय उत्पादन शुरू हुआ है। यह संयंत्र टोशिबा, डेंसो और सुजुकी का संयुक्त उद्यम है।
मोदी ने कहा कि राज्यों के बीच यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि राज्य बिना किसी शर्त और अस्पष्टता के नीतियां अपनाते हैं, तो निवेशक खुद तय करेंगे कि उन्हें किस राज्य में निवेश करना है। इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा से प्रत्येक राज्य को निवेश का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे दो दशक पहले वाइब्रेंट गुजरात समिट की शुरुआत हुई थी जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए गए थे।
भारत-जापान संबंधों पर जोर
पीएम मोदी ने भारत और जापान के रिश्तों को सिर्फ मित्रता से बढ़कर बताया। उन्होंने कहा कि इन रिश्तों में संस्कृति को भी विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने स्मरण किया कि 2012 में हंसलपुर में सुजुकी को भूमि उपलब्ध कराई गई थी। इसके साथ ही गुजरात में जापानी निवेश को देखते हुए गोल्फ कोर्स विकसित किए गए और जापानी व्यंजन भी प्रचलन में आए। मोदी ने बताया, “मेरे विजिटिंग कार्ड तक जापानी भाषा में छपते थे और प्रचार वीडियो भी जापानी भाषा में डब किए जाते थे।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में रखी गई बुनियाद आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हो रही है। उन्होंने लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय लाभ और कुशल कार्यबल को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि यह किसी भी साझेदार देश के लिए “विन-विन” स्थिति है।
एक बार फिर ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि “स्वदेशी” जीवन का सिद्धांत होना चाहिए। मोदी ने स्पष्ट किया कि “पैसा किसी भी देश का हो सकता है, मुद्रा किसी भी प्रकार की हो सकती है, लेकिन पसीना भारतीय होना चाहिए, इसमें भारत की मिट्टी की खुशबू होनी चाहिए और यही ‘मेड इन इंडिया’ है।”
सुजुकी को बताया ‘मेक इन इंडिया’ का ब्रांड एंबेसडर
मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि सुजुकी यहां से निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात 100 देशों में करेगी। उन्होंने सुजुकी को “मेक इन इंडिया” का ब्रांड एंबेसडर बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मारुति सुजुकी अब ‘टीनएज’ में प्रवेश कर चुकी है और यह समय है पंख फैलाने का। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में मारुति सुजुकी भारत से सबसे बड़ी कार निर्यातक रही है और अब इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात भी उसी स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैटरी ईवी इकोसिस्टम का अहम हिस्सा है और अब इसका निर्माण भी भारत में हो रहा है। मोदी ने यह भी बताया कि पुराने वाहनों और एंबुलेंस को हाइब्रिड ईवी में बदला जा रहा है। हंसलपुर में उन्होंने एक एंबुलेंस का ऐसा ही प्रोटोटाइप भी देखा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा और स्वच्छ परिवहन ही भविष्य है।
खनिजों की खोज पर जोर
प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि देश के 1,200 स्थानों पर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज की जाएगी।
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