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मेट्रो कैश एंड कैरी कंपनी हुई रिलायंस की, 2850 करोड़ रुपये में हुआ सौदा

| Updated: December 22, 2022 11:15 am

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Metro India) को खरीद लिया है। उसने 100 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी अधिग्रहित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह सौदा 2850 करोड़ रुपये में हुआ है। बता दें कि मेट्रो कैश एंड कैरी ‘मेट्रो इंडिया’ ब्रांड के तहत कारोबार करती है।

मेट्रो इंडिया ने भारत में 2003 में कारोबार शुरू किया था। यह भारत में कैश-एंड-कैरी बिजनेस फॉर्मेट पर बिजनेस करने वाली पहली कंपनी थी। कंपनी इस समय 3500 कर्मचारियों के साथ 21 शहरों में 31 लार्ज फॉर्मेट स्टोर चला रही है। इस मल्टी-चैनल B2B कैश-एंड-कैरी होलसेलर की भारत में 30 लाख से अधिक B2B ग्राहक हैं। उनमें से 10 लाख ग्राहक ऐसे हैं, जो इसके स्टोर नेटवर्क और eB2B ऐप से ही खरीदारी करते हैं।

बता दें कि मेट्रो इंडिया देश में किराना और दूसरे छोटे कारोबारियों को अपनी सर्विस देती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 (सितंबर 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष) में कंपनी ने 7700 करोड़ रुपये की बिक्री की। यह भारत के बाजार में कारोबार शुरू करने के बाद से कंपनी की अब तक की सबसे अच्छी बिक्री है।

इस अधिग्रहण (acquisition) से रिलायंस रिटेल को तमाम दुकानदारों और खुदरा और संस्थागत (institutional) खरीदारों के एक बड़े नेटवर्क तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। इससे कंपनी अपना एक मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन चैनल बना सकेगी। इस अधिग्रहण से रिलायंस रिटेल के स्टोरों की संख्या भी बढ़ जाएगी। साथ ही कंपनी मेट्रो इंडिया के सप्लाई चेन नेटवर्क और टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म का फायदा उठाते हुए अपने ग्राहकों और छोटे कारोबारियों को और बेहतर सेवाएं दे सकेगी।

गौरतलब है कि मेट्रो कैश एंड कैरी के मर्चेंट बैंकर जेपी मॉर्गन (JP Morgan) और गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने कंपनी के कारोबार की कीमत करीब एक अरब डॉलर लगाई थी। थाईलैंड की सबसे बड़ी कंपनी Charoen Pokphand (CP) ग्रुप ने भी मेट्रो कैश एंड कैरी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन बाद में वह पीछे हट गई। CP के पीछे हटने का बाद सिर्फ रिलायंस ही जर्मन कंपनी के भारतीय कारोबार को खरीदने की दौड़ में रह गई थी।

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