नई दिल्ली/वॉशिंगटन: अमेरिका में काम करने का सपना देख रहे या वहां अपनी नौकरी बचाने की जद्दोजहद कर रहे सैकड़ों भारतीयों के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। H-1B और H-4 वीजा के लिए इंटरव्यू का इंतजार कर रहे आवेदकों को एक और बड़ा झटका लगा है। खबरों के मुताबिक, अब इन इंटरव्यू को अक्टूबर 2026 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इस फैसले ने अनगिनत भारतीय पेशेवरों की नींद उड़ा दी है। इनमें से कई ऐसे हैं जो अपने परिवारों से दूर हैं और अब उनकी नौकरियां भी खतरे में पड़ गई हैं। इससे पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने H-1B इंटरव्यू को दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक टाला था, लेकिन अब नई तारीखें मिलने से अनिश्चितता और बढ़ गई है।
अक्टूबर 2026 तक का लंबा इंतजार
ताजा रिपोर्टों के अनुसार, जिन आवेदकों के इंटरव्यू पहले फरवरी और मार्च 2026 के लिए री-शेड्यूल किए गए थे, उन्हें अब अक्टूबर 2026 की तारीखें दी जा रही हैं। यह स्थिति उन लोगों के लिए बेहद तनावपूर्ण है, जिनकी अपॉइंटमेंट जनवरी 2026 के मध्य में थी, लेकिन अब उन्हें साल के अंत तक धकेल दिया गया है।
कई आवेदक, जिनके स्लॉट री-शेड्यूल हुए हैं, अब कथित तौर पर उन लोगों से अपनी बुकिंग रद्द करने की अपील कर रहे हैं जिनके इंटरव्यू जनवरी और फरवरी 2026 में हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे री-शेड्यूल किए गए मामलों को वापस पुरानी तारीखों पर लाया जा सकेगा।
देरी की असली वजह क्या है?
अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों ने हाल के हफ्तों में कई आवेदकों को सूचित किया था कि दिसंबर और जनवरी में होने वाले उनके इंटरव्यू फरवरी या मार्च तक टाले जा रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस देरी का मुख्य कारण वीजा आवेदकों की ‘सोशल मीडिया स्क्रीनिंग’ (Social Media Screening) का विस्तार है, जिसके चलते प्रोसेसिंग में अतिरिक्त समय लग रहा है।
विशेषज्ञों की राय और कानूनी सलाह
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि दिसंबर के मध्य से वीजा अपॉइंटमेंट्स के बड़े पैमाने पर रद्द होने और अचानक री-शेड्यूल होने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इसने उन आवेदकों को हैरान कर दिया है जिन्होंने 2026 की शुरुआत के लिए तैयारी की थी।
सोमिरेड्डी लॉ ग्रुप पीएलएलसी (Somireddy Law Group PLLC) की एसोसिएट अटॉर्नी, संगीता मुगुन्थन ने सलाह दी है, “तत्काल कानूनी कार्रवाई के विकल्प बहुत सीमित हैं। प्रभावित आवेदकों के लिए बेहतर विकल्प यही होगा कि वे अपने नियोक्ताओं (Employers) से रिमोट वर्क या छुट्टी के लिए अनुरोध करें, यदि यह संभव हो।”
उन्होंने आगे कहा, “कैंसिलेशन के खिलाफ सीधे कानूनी कार्रवाई करना मुश्किल है। मैं आवेदकों को सलाह दूंगी कि वे हर चीज का दस्तावेजीकरण (Documentation) करें ताकि भविष्य में नौकरी छूटने या वीजा से जुड़ी समस्याओं से बचा जा सके।”
अधर में लटकी जिंदगी
हैदराबाद स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास (US Consulate General in Hyderabad) के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, “विदेश विभाग संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार अपॉइंटमेंट्स में बदलाव करता रहता है। हम किसी भी बदलाव के बारे में सीधे प्रभावित वीजा आवेदकों को सूचित करेंगे।”
लेकिन मैदानी हकीकत यह है कि कई लोगों ने अंतरराष्ट्रीय यात्राएं बुक कर ली थीं, छुट्टियां ले ली थीं या वीजा स्टैम्पिंग के लिए भारत आ चुके थे, और अब उन्हें पता चला है कि उनकी अपॉइंटमेंट ही रद्द हो गई है। जो लोग पहले से विदेश में हैं, उनके लिए परिणाम और भी गंभीर हैं—वे अमेरिका में अपने परिवारों से लंबे समय तक अलग रहने को मजबूर हैं और वापसी के रास्ते सीमित हैं।
मैसेजिंग ऐप्स और ऑनलाइन मंचों पर भारतीय समुदाय के बीच हताशा साफ देखी जा सकती है। कई लोग अनिश्चितता के इस दौर से गुजर रहे हैं, तो कुछ अब यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या अमेरिका अब भी उनके करियर के लिए एक सही दीर्घकालिक विकल्प है।
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में F-1 छात्र वीजा प्रोसेसिंग में देरी ने कॉलेज एडमिशन को प्रभावित किया था, और हाल ही में वर्क वीजा फीस में बढ़ोतरी के प्रस्ताव ने भी H-1B समुदाय को परेशान किया था। अब अक्टूबर 2026 तक के इस इंतजार ने भारतीय पेशेवरों की उम्मीदों को एक नाजुक मोड़ पर ला खड़ा किया है।
यह भी पढ़ें-
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम वनजी सुतार का 100 वर्ष की आयु में निधन










