उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को आए विनाशकारी क्लाउडबर्स्ट (बादल फटने की घटना) के बाद हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं, जिनमें सेना के जवान भी शामिल हैं। वहीं, रास्ते बंद होने और मौसम बिगड़ने से राहत और बचाव कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।
“मेरी बहन और उसका परिवार कल से लापता है” – पीड़ित महेंद्र चौहान
प्रभावित परिवारों में से एक महेंद्र चौहान बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले और अपनी चिंता साझा की। उन्होंने बताया,
“मुख्यमंत्री धामी ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी ताकि लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। मेरी बहन, उसका पति और उनका बच्चा कल से लापता हैं, इस घटना के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।”
पिछले 5 दिनों में रिकॉर्ड बारिश, बागेश्वर में सामान्य से 397% अधिक
इंडिया टुडे डेटा इंटेलिजेंस यूनिट के अनुसार, उत्तराखंड के जिलों में 1 से 6 अगस्त तक सामान्य से कई गुना अधिक वर्षा दर्ज की गई है। बागेश्वर में सबसे अधिक 397% अतिरिक्त वर्षा हुई है, इसके बाद हरिद्वार में 330% और टिहरी गढ़वाल में 157% अधिक बारिश दर्ज की गई।
सेना के 11 जवान समेत 50 से अधिक लोग लापता
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उत्तरकाशी जिले के हर्षिल और सुखी टॉप क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ के कारण 50 से अधिक लोग लापता हैं। इनमें से सिर्फ हर्षिल में ही सेना के 11 जवान लापता बताए गए हैं। हालांकि, सुखी टॉप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
उत्तरकाशी हाईवे बंद, रेस्क्यू टीम फंसी
ऋषिकेश–उत्तरकाशी हाईवे को भारी नुकसान पहुंचा है। भगीरथी नदी के किनारे की पूरी सड़क बह गई है, जिससे धराली और गंगोत्री का संपर्क टूट गया है। इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की एक रेस्क्यू टीम रास्ता टूटने के कारण वहीं फंसी हुई है।
धराली से सेना अधिकारी का रेडियो मैसेज: “कैम्प तबाह, रेस्क्यू जारी”
धराली गांव के आपदा प्रभावित इलाके से सेना के 14वीं राजपुताना राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन ने सेना मुख्यालय को रेडियो संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने इलाके में जारी बचाव कार्यों और कैंप के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी।
बारिश क्यों हो रही इतनी तेज़?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, हिमालय की तलहटी में सक्रिय मानसून ट्रफ और ऊपरी वायुमंडल में पश्चिमी विक्षोभ की संयुक्त गतिविधि उत्तराखंड में लगातार और भारी बारिश की वजह बन रही है। इससे बाढ़ और भूस्खलन की संभावना भी बढ़ गई है।
धराली: पर्यटक स्थल से त्रासदी का केंद्र बना गांव
धराली गांव, जो गंगोत्री यात्रा का मुख्य पड़ाव माना जाता है और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, अब बर्बादी की तस्वीर बन गया है। यहां होटल, रिसॉर्ट्स और घर बाढ़ में बह चुके हैं।
मौत का आंकड़ा बढ़कर 5 हुआ
पीटीआई के अनुसार, बुधवार को एक और शव मलबे से बरामद किया गया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। सेना की 150 सदस्यीय टीम राहत एवं बचाव कार्य में लगी है, लेकिन लगातार बारिश से प्रयासों में रुकावट आ रही है।
प्रधानमंत्री ने की बात, केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी पहुंचे उत्तरकाशी, धराली का करेंगे दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि 3 एसपी, 10 डीएसपी और 160 से अधिक पुलिसकर्मी राहत कार्यों में जुटे हैं।
सीएम धामी ने कहा, “खाद्य पैकेट तैयार कर दिए गए हैं, डॉक्टरों की टीम भी मौके पर तैनात है। बिजली की लाइनें दुरुस्त करने का काम भी चल रहा है।”
130 लोगों को किया गया रेस्क्यू, एयर ऑपरेशन मौसम पर निर्भर
अब तक 130 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से राहत कार्य शुरू नहीं हो सका है।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) के सीईओ आशीष चौहान ने बताया, “हमारे पास 4–5 हेलिकॉप्टर तैयार हैं। हर्षिल का हेलीपैड जलमग्न है, जैसे ही मौसम सुधरेगा, एयर ऑपरेशन शुरू कर दिए जाएंगे।”
यह भी पढ़ें- NDA की संसदीय दल की बैठक: मोदी ने RSS को दिया संकेत कि उन्हें संघ परिवार से बाहर भी है समर्थन










