हममें से कई लोगों को कई बर यातायात नियम तोड़ने (break traffic rules) की तीव्र आवश्यकता का अनुभव होता है। प्रतीक्षा करने के धैर्य की कमी. आसपास कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं. फिर भी, आजकल, हममें से अधिकांश लोग सिग्नल तोड़ने के बारे में दो बार सोचते हैं। इसका कारण? तीसरी आंख की मौजूदगी, सीसीटीवी कैमरे जो हमारी निगरानी करते हैं।
सवाल यह है कि क्या ये सीसीटीवी कैमरे (CCTV cameras) फुलप्रूफ हैं? एक रिपोर्ट के अनुसार, कैमरे अहमदाबाद में यातायात और नागरिक उल्लंघनों (civic violations) का पता लगाने के लिए सुसज्जित नहीं हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि तेज गति के उल्लंघन को पकड़ने के लिए शहर के स्मार्ट निगरानी कैमरों को प्रशिक्षित करने में एक साल लगेगा।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि pre-bid बैठक में सॉफ्टवेयर विक्रेताओं ने अहमदाबाद नगर निगम (AMC) की स्मार्ट सिटी टीम (Smart City team) को बताया कि इन उल्लंघनों का पता लगाने के लिए एआई को प्रशिक्षित करने के लिए बड़ी मात्रा में फुटेज आवश्यक है।
विक्रेताओं ने ग्राफिक प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) के उपयोग को निविदाओं में शामिल करने का सुझाव दिया है ताकि कैमरे उल्लंघन के लिए फुटेज का विश्लेषण कर सकें।
इससे पहले, एएमसी ने मांग की थी कि कैमरे सड़कों पर थूकने सहित 34 यातायात और नागरिक उल्लंघनों को पकड़ने में सक्षम हों। एएमसी के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया, “विक्रेताओं द्वारा नागरिकों की लंबे समय तक रिकॉर्डिंग किए जाने को लेकर गोपनीयता के मुद्दे उठाए गए थे और उन्होंने तर्क दिया कि इस क्षमता को निगरानी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए।”
विक्रेताओं ने बताया कि सॉफ्टवेयर वाहन के फुटबोर्ड पर खड़े यात्रियों की निगरानी (monitor passengers) करने के लिए सुसज्जित नहीं था, क्योंकि सार्वजनिक वाहनों में इतनी भीड़ हो सकती थी कि एल्गोरिदम के लिए व्यक्तियों को अलग करना संभव नहीं था।
ट्रकों में खुले निर्माण मलबे का पता लगाना एक और मुद्दा था। रिपोर्ट में बताया गया है कि विक्रेताओं ने दावा किया है कि एआई को प्रशिक्षित करने के लिए डेटासेट अपर्याप्त होने के कारण कैमरों का उपयोग नहीं किया जा सका।
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