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अदाणी पोर्ट्स टीएनएफडी फ्रेमवर्क को अपनाने वाली भारत की पहली इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बनी

| Updated: November 12, 2025 19:45

भारत की पहली इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बनी APSEZ, नेचर-पॉजिटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सेट किया नया बेंचमार्क

अहमदाबाद। अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने बुधवार को कहा कि वह टास्कफोर्स ऑन नेचर-रेलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोजर्स (टीएनएफडी) फ्रेमवर्क को अपनाने वाली भारत की पहली इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बन गई है, जिससे नेचर-पॉजिटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का एक नया बेंचमार्क सेट हुआ है।

टीएनएफडी फ्रेमवर्क को अपनाने के साथ एपीएसईजेड, जैव विविधता के लिए काम करने वाले उन कुछ चुनिंदा ग्लोबल पोर्ट ऑपरेटर्स की लीग में शामिल हो गया है और विज्ञान-आधारित, पारदर्शी पर्यावरणीय डिस्क्लोजर्स के माध्यम से समुद्री इकोसिस्टम की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहा है।

कंपनी ने कहा कि वह प्रकृति से संबंधित निर्भरताओं, प्रभावों, जोखिमों और अवसरों पर टीएनएफडी फ्रेमवर्क एलाइन्ड रिपोर्टिंग को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

टीएनएफडी एक ग्लोबल, विज्ञान-आधारित पहल है, जिसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल (यूएनईपी एफआई), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और ग्लोबल कैनोपी के एक गठबंधन द्वारा की गई है, जिसका उद्देश्य कंपनियों को प्रकृति से संबंधित जोखिमों और अवसरों की पहचान, आकलन, प्रबंधन और प्रकटीकरण में मार्गदर्शन करना है।

एपीएसईजेड के पूर्णकालिक निदेशक और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कहा, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि जिम्मेदार व्यावसायिक व्यवहार दीर्घकालिक सफलता का मंत्र है। टीएनएफडी फ्रेमवर्क को अपनाना, सीओपी30 में प्रकृति-संबंधी कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग के लिए हमारे समर्थन को दर्शाता है। हम प्रकृति-संबंधी मुद्दों को एक रणनीतिक जोखिम प्रबंधन प्राथमिकता के रूप में देखते हैं। टीएनएफडी फ्रेमवर्क हमारी निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में प्रकृति को एकीकृत करने और जैव विविधता संरक्षण में हमारे योगदान को बढ़ाने के लिए मजबूत समर्थन प्रदान करता है।”

यह कदम एपीएसईजेड की प्रनेचर-पॉजिटिव इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है और इसे स्थायी समुद्री रसद क्षेत्र में अग्रणी बनाता है।

इस प्रतिबद्धता के तहत, अदाणी पोर्ट्स वित्त वर्ष 26 से अपनी कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग में टीएनएफडी की सिफारिशों के साथ संरेखण सुनिश्चित करने के लिए डिस्क्लोजर मानकों को और बेहतर बनाएगा।

कंपनी ने पहले ही क्लामेट रिस्क असिसमेंट और डिस्क्लोजर प्रैक्टिस को संस्थागत रूप दे दिया है जो विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त फ्रेमवर्क के अनुरूप हैं और पर्यावरण संरक्षण में मानक स्थापित करना जारी रखे हुए है। कंपनी ने 4,200 हेक्टेयर से अधिक मैंग्रोव का वनीकरण किया है और 3,000 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र का सक्रिय रूप से संरक्षण किया है, जिससे कंपनी भारत में मैंग्रोव इकोसिस्टम की बहाली में निजी क्षेत्र से सबसे बड़ी योगदानकर्ता बन गई है।

एपीएसईजेड भारत के पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी तटों पर रणनीतिक रूप से स्थित 15 पोर्ट्स और टर्मिनलों के एक व्यापक इकोसिस्टम का संचालन करता है, जो इसे देश का सबसे बड़ा निजी पोर्ट ऑपरेटर बनाता है।

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