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मोदी सरकार आने के बाद गुजरात के निवेशकों के अच्छे दिन आये

| Updated: September 9, 2022 10:50 am

पूंजी ढाई गुना बढ़कर 36 . 50 लाख करोड़

ढाई साल में निवेशकों को 170 लाख करोड़ का फायदा

इस साल मार्केट कैप 300 करोड़ को करेगा पार

वैश्विक स्तर पर पिछले ढाई साल अनिश्चितता भरे होने के बावजूद भारतीय निवेशकों में तेजी देखी गयी। मार्च 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद निवेशकों की पूंजी घटकर बीएसई में 113 लाख करोड़ के निचले स्तर पर पहुंच गयी थी जो ढाई साल में दुगने से ज्यादा यानि की 170 लाख करोड़ बढ़कर के रिकार्ड स्तर पर पहुंची है।
बीएसई में कुल मार्केट कैप में गुजरात का औसतन हिस्सा 12 -14 प्रतिशत को ध्यान में रखे तो 36. 50 लाख करोड़ से ज्यादा अनुमानित है जो मोदी सरकार के आने के बाद पूंजी में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि दर्शा रहा है।


वैश्विक बाजार में अभी स्लोडाउन की स्थिति है फिर भी विदेशी निवेशकों के आगमन तथा भारतीय अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है इस आधार पर निवेशकों की पूजी में सकारात्मक ट्रेंड कायम रहेगा। वार्षिक आधार पर 10 -12 प्रतिशत विकास दर ध्यान में रखें तो भी निवेशकों की पूंजी वर्ष के अंत में 300 लाख करोड़ और आगामी पांच वर्ष में 500 लाख करोड़ के स्तर को पार कर जाये तो बड़ी बात नहीं।

भारतीय शेयर बाजार का मजबूत आधार 2010 के बाद देखने को मिला इसके पहले अनेक घोटालों के कारण निवेशकों की संख्या सीमित थी ,यहीं नहीं अभी निवेश के माध्यम से बाजार में ट्रेंड हो रहा है , जबकि पहले सट्टा आधारित बाजार की मूवमेंट देखने को मिलती थी।

गुजरात के 1. 2 5 करोड़ निवेशकों का 36. 50 लाख करोड़ से अधिक


भारतीय शेयर बाजार में निवेशको की संख्या लगातार बढ़ रही है। अगस्त महीने में 22 लाख से अधिक नए निवेशक के शामिल होने से डीमेट खाता की संख्या पहली बार 10 करोड़ को पार हुयी है जिसमे गुजरात के निवेशकों की संख्या लगभग 1 . 25 करोड़ से अधिक है। मार्केट कैप 282 . 67 लाख करोड़ को ध्यान में रखे तो गुजरात के 12 -14 प्रतिशत हिस्से के मुताबिक 36 . 50 लाख करोड़ से ज्यादा का हिस्सा विशेषज्ञ मान रहे हैं।

5 वर्ष में मार्केट कैप 500 लाख करोड़ होगा

वैश्विक बाजार में भले अनिश्चिता का माहौल हो लेकिन भारतीय शेयर बाजार में स्थानीय और विदेशी निवेशकों का विश्वास मजबूत हो रहा है जिसके कारण वार्षिक आधार पर 10 -12 प्रतिशत विकास दर कायम रहेगी। ऐसी स्थिति में आगामी पांच वर्ष में बीएसई की मार्केट कैप 500 लाख करोड़ पहुंचने की संभावना है।

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