मोरबी हादसे के बाद अटल ब्रिज में क्षमता से 25 प्रतिशत यात्रियों को ही मिलेगा प्रवेश

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मोरबी हादसे के बाद अटल ब्रिज में क्षमता से 25 प्रतिशत यात्रियों को ही मिलेगा प्रवेश

| Updated: October 31, 2022 17:22

मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज (Suspension Bridge at Morbi )गिरने से 142 से ज्यादा लोगों की मौत और करीब 190 लोगों के घायल होने के बाद अहमदाबाद (Ahmedabad )में 74 करोड़ की लागत से बने अटल ब्रिज (Atal Bridge )पर भी यात्रियों की क्षमता को मर्यादित कर दिया गया है। निर्धारित क्षमता की तुलना में महज 25 प्रतिशत यात्रियों को ही प्रवेश देने का निर्णय साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कारपोरेशन (Sabarmati Riverfront Development Corporation )ने किया है।

मोरबी में गुजराती नववर्ष के दौरान झूलता पुल( Suspension Bridge )टूट जाने के कारण 142 से अधिक लोगों की मौत से गुजरात समेत पूरे देश में शोक का माहौल है। इस घटना को देखते हुए अटल ब्रिज पर दर्शनार्थियों की संख्या कम करने का तत्काल निर्णय लिया गया है।

साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कारपोरेशन (Sabarmati Riverfront Development Corporation ) के मुताबिक फिलहाल तकनीकी क्षमता के हिसाब से पुल की क्षमता प्रतिघंटे 12000यात्रियों से अधिक की है। हालांकि, एहतियात के तौर पर, साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कारपोरेशन ने अब से हर घंटे अधिकतम 3,000 आगंतुकों को अनुमति देने का फैसला किया है। साथ ही प्रबंधन ने आग्रह किया है कि अगर यात्रियों की संख्या ज्यादा हो तो वह प्रवेश के पहले कुछ देर इंतजार कर निर्णय के अमल में सहयोग करे।

साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कारपोरेशन की वेबसाइट के मुताबिक प्रतिष्ठित अटल पुल देश में अपनी तरह का पहला पुल है। यह साबरमती रिवरफ्रंट के पश्चिम और पूर्वी हिस्से को जोड़ता है। पतंगों और उत्तरायण के उत्सव और पतंगों की प्रेरणा से इसे बनाया गया है।यहां तक ​​कि चुने गए रंग भी पतंग के रंग को दर्शाते हैं। नदी के ऊपर चलने के आनंद को महसूस करने के लिए सरदार ब्रिज और एलिस ब्रिज के बीच अटल पुल का निर्माण किया गया है। पुल पूरी तरह से पैदल चलने के लिए है और पुल से नदी की सुंदरता का आनंद लेने के लिए लोगों के बैठने की व्यवस्था भी है। पुल पर कुछ हरा आवरण बनाने के लिए विभिन्न वृक्षारोपण भी किए गए हैं

इस ब्रिज की लंबाई 300 मीटर है, जबकि स्पान 100 मीटर है। पुल की चौड़ाई सिरों पर 10 मीटर और बीच में 14 मीटर है। जबकि इस ब्रिज का वजन 2600 टन है। जो लोहे के पाइप की संरचना से बनाया गया है। यहां रंग-बिरंगे कपड़े की तन्य संरचना वाली छत बनाई गई है। जबकि बीच में लकड़ी के फर्श का इस्तेमाल किया गया है और ग्रेनाइट के फर्श का इस्तेमाल किया गया है। यहां पूरा पुल 2 खंभों पर खड़ा है।

साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत साबरमती नदी पर एलिस ब्रिज और सरदार ब्रिज के बीच 74 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अटल ब्रिज का निर्माण किया गया है।

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